Saturday, April 20, 2024
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पुलवामा मुठभेड़: मारा गया आतंकवादी निकला जैश-ए-मोहम्मद का ‘मोस्ट वांटेड’ सदस्य

पुलवामा जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में मारे गए आतंकवादी की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के तौर पर हुई है, जो प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन से जुड़ा था।

IndiaTV Hindi Desk Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 24, 2020 15:38 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
प्रतीकात्मक तस्वीर

श्रीनगर: पुलवामा जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में मारे गए आतंकवादी की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के तौर पर हुई है, जो प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन से जुड़ा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह आतंकवादी आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर में ‘‘अबु सैफुल्ला’’ और ‘‘अबु कासिम’’ के नाम से सक्रिय था। अधिकारी ने कहा कि मारा गया आतंकवादी दो आम नागरिकों के अपहरण और हत्या का आरोपी था। साथ ही वह विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) एवं गैर स्थानीय मजदूरों को घाटी से बाहर जाने के लिए धमकाने के मामले में भी वांछित था। 

उन्होंने बताया कि वह जुलाई 2013 में कुपवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए जेईएम के स्वयंभू प्रमुख पाकिस्तानी कमांडर कारी यासिर का करीबी सहयोगी था। अबु सैफुल्ला मंगलवार सुबह पुलवामा के अवंतिपुरा इलाके में जैंत्राग गांव में तलाश एवं घेराबंदी अभियान के दौरान अपने स्थानीय सहयोगी के साथ घिर गया था। अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह अभियान चलाया गया था और वहां छिपे आतंकवादियों के संयुक्त तलाश दल पर गोली चलाने के कारण यह गोलीबारी में बदल गया। 

संयुक्त दल में 50 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ की 185 बटालियन शामिल थी। आतंकवादियों की भीषण गोलीबारी के कारण राष्ट्रीय राइफल के सिपाही राहुल रांसवाल और स्थानीय पुलिस के एसपीओ शाहबाज अहमद गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल ले जाया गया लेकिन दोनों वहां दम तोड़ दिया। अधिकारी ने बताया कि घायल जवानों को निकालने की प्रक्रिया के दौरान मौके का फायदा उठाकर आतंकवादी वहां से फरार हो गए, नागंदर गांव के जंगल में उनकी मौजूदगी का पता चला, जो मुठभेड़ स्थल जांत्राग से महज एक किलोमीटर दूर है। अगले दिन फिर से मुठभेड़ हुआ और इस दौरान ‘‘सर्वाधिक वांछित’’ अबु सैफुल्ला को मार गिराया गया। 

अधिकारी ने बताया, हालांकि उसका अन्य साथी भागने में सफल रहा, जिसे पकड़ने या मार गिराने के लिए तलाश जारी है। उन्होंने बताया, ‘‘अबु सैफुल्ला डेढ़ साल से अधिक समय से अवंतिपुरा के त्राल और ख्रेव इलाके में सक्रिय था और वह मारे गए जेईएम प्रमुख कारी यासिर का करीबी सहयोगी था। पिछले साल वह दो आम नागरिकों अब्दुल कादिर कोहली और मंजूर अहमद के अपहरण और हत्या करने और एक दुकानदार नसीर अहमद गनी को घायल करने के मामले में आरोपी था।’’ अधिकारी ने बताया कि सैफुल्ला एसपीओ को अपनी नौकरियां छोड़ने और गैर स्थानीय मजदूरों को घाटी छोड़ने की धमकी देने से संबंधित पोस्टर लगाने के मामले में भी वांछित था।

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