Wednesday, April 24, 2024
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चीन से तनाव के बीच राजनाथ सिंह रूस रवाना, विक्ट्री डे परेड के मेहमान हैं रक्षामंत्री

बीस जवानों की शाहदत के बाद जिस तरह से भारत सरकार ने कल आर्मी को खुली छूट देने के फैसले लिए हैं, उसे देखते हुए ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरे से पहले राजनाथ सिंह ने कल ही सेना के तीनों अंगो के प्रमुखों के साथ मीटिंग की।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 22, 2020 9:43 IST
Rajnath Singh's Russia visit- India TV Hindi
Image Source : PTI Rajnath Singh's Russia visit

नई दिल्ली: चीन से तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज रूस रवाना हो गए हैं। राजनाथ सिंह मॉस्को में 24 जून को होने वाली विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लेंगे। ये परेड रूस की जर्मनी पर जीत के 75वें साल के मौके पर हो रही है। इस परेड में भारतीय सेना का एक दस्ता भी हिस्सा ले रहा है जो पहले ही मॉस्को रवाना हो चुका है। बॉर्डर पर चीन से तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

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खासतौर पर बीस जवानों की शाहदत के बाद जिस तरह से भारत सरकार ने कल आर्मी को खुली छूट देने के फैसले लिए हैं, उसे देखते हुए ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरे से पहले राजनाथ सिंह ने कल ही सेना के तीनों अंगो के प्रमुखों के साथ मीटिंग की। इस तनाव के बीच ही भारतीय वायुसेना ने रूस से 12 नए सुखोई और 21 नए मिग-29 फाइटर जेट खरीदने का प्रस्ताव सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। ये डील 5 हज़ार करोड़ की होगी।

रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विक्ट्री डे परेड के लिए न्योता दिया है। पहले ये परेड 9 मई को होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था।

इस दौरान वहां चीनी नेता भी मौजूद रहेंगे लेकिन बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह इन शीर्ष चीनी नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे। राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार और प्रत्येक सशस्त्र बल के एक शीर्ष अधिकारी होंगे। अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीनी नेताओं से मुलाकात न करके भारत चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है।

बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता, तो दोनों पक्षों को हुए नुकसान से बचा जा सकता था। पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है।

पैंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सैन्यकर्मियों ने सीमा का अतिक्रमण किया है। भारतीय सेना ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उससे पीछे हटने की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है।

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