Friday, May 03, 2024
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ग्रेटर नोएडा का बिसरख गांव, जहां दशहरे पर रावण नहीं मरता

ग्रेटर नोएडा से लगे बिसरख गांव में किसी से रावण के मंदिर के बारे में पूछिये तो आपको संभवत: रूखा जवाब मिले। वह रावण बाबा हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 30, 2017 21:05 IST
Bisrekh ravana temple- India TV Hindi
Bisrekh ravana temple

नयी दिल्ली: ग्रेटर नोएडा से लगे बिसरख गांव में किसी से रावण के मंदिर के बारे में पूछिये तो आपको संभवत: रूखा जवाब मिले। वह रावण बाबा हैं। पूरा देश जहां रावण के पुतलों का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मना रहा है, बिसरख की तस्वीर थोड़ी जुदा है, यहां गायों के रंभाने और चिड़ियों की चहचहाने के बीच पौराणिक असुर राज के जीवन और शिक्षाओं का जश्न मनाया जाता है। 

प्राचीन शिव मंदिर के महंत राम दास ने बताया कि लंका नरेश इस गांव में पैदा हुये थे। इस मंदिर को रावण मंदिर के तौर पर भी जाना जाता है। रावण का जन्म ऋषि विश्रवा के यहां हुआ था और वह भगवान शिव का अनन्य भक्त था। उसका बचपन बिसरख में ही बीता था। दास ने कहा, हम रावण के पुतलों का दहन नहीं करते, वह हमारे गांव का बेटा था। वह यहां पैदा हुआ था और हमें इस पर गर्व है। 

गांव की सीमा से सटा ही रावण मंदिर है जिसमें शिवलिंग है। ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना ऋषि विश्रवा ने की थी। इस गांव में हालांकि असुर राज की ग्रामीणों द्वारा आराधना नहीं की जाती है। 

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