Monday, April 29, 2024
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सुरक्षा के मोर्च पर और मजबूत हुआ भारत, रूस ने शुरू की S-400 की सप्लाई

न्यूज एजेंसी ANI से मिली जानकारी के अनुसार, रूसी फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कॉपोरेशन के डॉयरेक्टर Dmitry Shugaev ने दुबई एयर शो में मीडिया से बातचीत में कहा कि रूस ने भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई शुरू कर दी है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 14, 2021 18:12 IST
Russia start S-400 Missile Defence system supply to india सुरक्षा के मोर्च पर और मजबूत हुआ भारत, रूस- India TV Hindi
Image Source : ANI सुरक्षा के मोर्च पर और मजबूत हुआ भारत, रूस ने शुरू की S-400 की सप्लाई

नई दिल्ली. सुरक्षा के मोर्चे पर भारतीय सेना और ज्यादा मजबूत हुई है। भारतीय सेना को रूस से नई ताकत मिल गई है। रूस ने भारत को सतह से हवा में मार करने वाले घातक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, S-400 को पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा।

एस-400 सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है। ये 400 किमी तक की सीमा के भीतर आने वाले दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोन को भी तबाह करने में सक्षम है। इसकी ट्रैकिंग क्षमता करीब 600 किलोमीटर है। इस सिस्टम को लगभग 400 किमी के दायरे में दुश्मन के छिपे हुए हथियारों को हवा में तबाह करने जैसी क्षमता के लिए तैयार किया गया है।

न्यूज एजेंसी ANI से मिली जानकारी के अनुसार, रूसी फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कॉपोरेशन के डॉयरेक्टर Dmitry Shugaev ने दुबई एयर शो में मीडिया से बातचीत में कहा कि रूस ने भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई शुरू कर दी है। FSMTC रूसी सरकार का मुख्य रक्षा निर्यात नियंत्रण संगठन है।

भारतीय रक्षा उद्योग के सूत्रों ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली के हिस्से भारत तक पहुंचने लगे हैं और उन्हें पहले पश्चिमी सीमा के करीब एक स्थान पर तैनात किया जाएगा, जहां से यह पाकिस्तान के साथ पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं के अलावा चीन दोनों हिस्सों से खतरों से निपट सकता है।

आपको बता दें कि भारत द्वारा रूस के साथ करीब 35000 करोड़ रुपये में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर कांट्रेक्ट साइन किया गया है। भारत को इसके पांच स्क्वाड्रन प्रदान किए जाएंगे। इस साल के अंत तक पहली स्क्वाड्रन डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि उपकरण को समुद्री और हवाई दोनों मार्गों से भारत लाया जा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि पहले स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद वायुसेना देश के भीतर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पूर्वी सीमाओं पर ध्यान देना शुरू कर देगी। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और कर्मियों ने इस प्रणाली पर रूस में प्रशिक्षण लिया है।

वायु रक्षा प्रणाली भारत को दक्षिण एशियाई आसमान में बढ़त देगी क्योंकि वे 400 किमी की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को सबक सिखाने में सक्षम होंगे। S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और AWACS विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर मार सकती है।

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