Friday, April 19, 2024
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उत्तराखंड सरकार ने ट्रैफिक चालान में दी 50% तक की छूट, जानिए- अब देना होगा कितना जुर्माना

उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को कईं बड़े प्रस्तावों को मंजूरी मिली। कैबिनेट बैठक में कुल 16 प्रस्ताव रखे गए थे जिसमें से 15 पर मुहर लग गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 11, 2019 22:00 IST
Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat- India TV Hindi
Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat

देहरादून: उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को कईं बड़े प्रस्तावों को मंजूरी मिली। कैबिनेट बैठक में कुल 16 प्रस्ताव रखे गए थे जिसमें से 15 पर मुहर लग गई है। इनमें सबसे बड़ा फैसला मोटर अधिनियम 1988 में संशोधन करने का है। राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा जारी किए गए न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में लगभग 50 फीसदी तक की छूट दी है।

मोटर अधिनियम 1988 में संशोधन 

  1. धारा 177, 178, 178 (2), 178 (3)(क), 112 के नियम में दिए गए जुर्माने को यथावत रखा है। 
  2. धारा 7 में यानी गाड़ी के मोडिफिकेशन पर एक लाख से घटाकर 50 हजार किया गया। 
  3. धारा 180 में जुर्माना को 5,000 से घटाकर 2,500 किया गया।
  4. ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के लिए 10,000 की जगह 2500 का जुर्माना।
  5. धारा 182 (ख)में 10,000 जुर्माने को घटाकर 5,000 किया गया।
  6. सीट बेल्ट पर एक हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान।
  7. क्षमता से अधिक सवारी ले जाने पर 200 रुपये प्रति सवारी जुर्माना वसूला जाएगा।
  8. अग्निशमन, एंबुलेंस को रास्ता ना देने पर 10,000 से घटाकर 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान।

बता दें कि इससे पहले गुजरात सरकार ने भी जुर्माने में 50 फीसदी तक की छूट का ऐलान किया था। इसकी घोषणा करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि नये अधिनियम में निर्धारित जुर्माना अधिकतम सुझाया गया था और उन्हें सरकार ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कम कर दिया गया है। कुछ मामलों में तो राज्य ने जुर्माने की राशि को 10 हजार रुपये से घटाकर एक हजार रुपये कर दिया है। नये कानून के तहत बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने पर 1000 रूपये के जुर्माने का प्रावधान है जिसे गुजरात सरकार ने 500 रूपये करने का निर्णय किया। 

चौपहिया वाहन के मामले में सीट बेल्ट नहीं होने पर भी यही दंड राशि रहेगी। इसी प्रकार लाइसेंस बिना वाहन चलाने के लिए दंड राशि नये कानून के तहत 5000 रूपये है। गुजरात सरकार ने दुपहिया वाहनों के मामले में इसे 2000 रूपये और चौपहिया वाहनों के मामले में 3000 रूपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि राज्य सरकार दंड राशि को कम करके यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के प्रति नरमी नहीं दिखा रही है। 

उन्होंने ध्यान दिलाया कि राज्य सरकार द्वारा तय की गयी दंड राशि भी नया कानून लागू होने से पहले की तय राशि से दस गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कानून में दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाले को हेलमेट नहीं लगाने पर एक हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है लेकिन गुजरात में यह प्रावधान लागू नहीं होगा। रुपाणी ने कहा कि ‘डिजीलॉकर’ ऐप में दस्तावेजों को डिजिटल रूप में रखा जा सकता है और मांगे जाने पर उन्हें अधिकारियों को दिखाया जा सकता है

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