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दिल्ली दंगा: जेल में ही रहेंगे शरजील इमाम और उमर खालिद, हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका, कही ये बात

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शैलेंद्र कौर की बेंच ने शरजील इमाम, उमर खलिद, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, अतहर खान, मीरान हैदर, अब्दुल खालिद सैफी, तस्लीम अहमद और गुलफिशा फातिमा को जमानत देने से इनकार कर दिया है।

Reported By : Atul Bhatia Edited By : Khushbu Rawal Published : Sep 02, 2025 03:35 pm IST, Updated : Sep 02, 2025 03:39 pm IST
umar khalid sharjeel imam- India TV Hindi
Image Source : PTI उमर खालिद और शरजील इमाम।

फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश से जुड़े मामले में आरोपियों को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगों की साजिश से जुड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) मामले में मंगलवार को शरजील इमाम, उमर खालिद समेत 9 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शैलेंद्र कौर की बेंच ने शरजील इमाम, उमर खलिद, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, अतहर खान, मीरान हैदर, अब्दुल खालिद सैफी, तस्लीम अहमद और गुलफिशा फातिमा को जमानत देने से इनकार कर दिया है।

दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का किया था विरोध

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया था। दावा किया कि यह कोई स्वतः स्फूर्त दंगा नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश थी।

तुषार मेहता ने क्या दलील दी थी?

अभियोजन की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि यह दुनिया में भारत को बदनाम करने की साजिश थी ऐसे में सिर्फ इस आधार पर जमानत देना ठीक नहीं होगा कि आरोपी लंबे समय से कैद में हैं। अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए दलील दी कि यह सिर्फ और सिर्फ दंगों का मामला नहीं है बल्कि एक ऐसा मामला है जहां दंगों की साजिश पहले से ही एक भयावह मकसद और सोचे-समझे षडयंत्र के साथ बनाई गई थी।

दिल्ली दंगों में 53 लोगों की हुई थी मौत

फरवरी 2020 में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह हिंसा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी। शरजील इमाम, खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाएं 2022 से हाई कोर्ट में लंबित थी और समय-समय पर विभिन्न पीठों ने इन पर सुनवाई की।

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