Saturday, April 20, 2024
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दिल्ली में केजरीवाल ही 'बॉस', LG का कद घटा, जानें सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले पर क्या बोले सीएम

दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को है ये आज फाइनल हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को दिल्ली सरकार की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: May 11, 2023 13:17 IST
arvind kejriwal- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए आज सुकून वाली खबर आई। दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार की कंट्रोवर्सी पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा। कोर्ट के इस फैसले को दिल्ली सरकार की जीत के रूप में देखा जा रहा है, इस पर सीएम केजरीवाल का रिएक्शन सामने आया है। केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा है, ''दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया। इस निर्णय से दिल्ली के विकास की गति कई गुना बढ़ेगी। जनतंत्र की जीत हुई।''

केजरीवाल ने बुलाई मंत्रियों की बैठक

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, ''लंबे संघर्ष के बाद जीत, अरविंद केजरीवाल जी के जज्बे को नमन। दिल्ली की दो करोड़ जनता को बधाई। सत्यमेव जयते।'' वहीं, आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीएम केजरीवाल ने मंत्रियों की बैठक बुलाई है। सौरभ भारद्वाज इस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं।

CJI ने फैसले में क्या कहा?
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, चुनी हुई सरकार को प्रशासन चलाने की शक्तियां मिलनी चाहिए अगर ऐसा नहीं होता तो यह संघीय ढांचे के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। अधिकारी जो अपनी ड्यूटी के लिए तैनात हैं उन्हें मंत्रियों की बात सुननी चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो यह सिस्टम में बहुत बड़ी खोट है। चुनी हुई सरकार में उसी के पास प्रशासनिक व्यस्था होनी चाहिए। अगर चुनी हुई सरकार के पास ये अधिकार नहीं रहता तो फिर ट्रिपल चेन जवाबदेही की पूरी नहीं होती। उन्होंने कहा कि NCT एक पूर्ण राज्य नही है ऐसे में राज्य पहली सूची में नहीं आता। NCT दिल्ली के अधिकार दूसरे राज्यों की तुलना में कम है।

सभी जजों की सहमित से लिया गया फैसला
दिल्ली में अफसरो के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ का फैसला CJI डी वाई चंद्रचूड़ द्वारा पढ़ा गया। फैसला सुनाने से पहले उन्होंने कहा था कि ये फैसला सभी जजों की सहमित से लिया गया है। उन्होंने कहा कि ये बहुमत का फैसला है। सीजेआई ने फैसला सुनाने से पहले कहा कि दिल्ली सरकार की शक्तियों को सीमित करने को लिए केंद्र की दलीलों से निपटना आवश्यक है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये मामला सिर्फ सर्विसेज पर नियंत्रण का है।

काफी समय से लंबित था यह विवाद
4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र बनाम दिल्ली विवाद के कई मसलों पर फैसला दिया था लेकिन सर्विसेज यानी अधिकारियों पर नियंत्रण जैसे कुछ मुद्दों को आगे की सुनवाई के लिए छोड़ दिया था। 14 फरवरी 2019 को इस मसले पर 2 जजों की बेंच ने फैसला दिया था लेकिन दोनों जजों, जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण का निर्णय अलग-अलग था। इसके बाद मामला 3 जजों की बेंच के सामने लगा और आखिरकार चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने मामला सुना। अब आज इस मामले पर फैसला आया है।

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