निर्वाचन आयोग की ओर से बिहार में वोटर लिस्ट के रिविडन यानी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य पूरा कर लिया गया है। संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग अन्य राज्यों में भी जल्द ही SIR की प्रक्रिया को शुरू कर सकता है। कल बुधवार को चुनाव आयोग की एक टीम पश्चिम बंगाल जाएगी। इस टीम में डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर भी शामिल होंगे। चुनाव आयोग की टीम राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। चुनाव आयोग के इस दौरे को पश्चिम बंगाल में होने वाले SIR से जोड़कर देखा जा रहा हैं।
सभी राज्यों में होगा SIR
निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी है कि बिहार की तर्ज देश के सभी राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इसके क्रियान्वयन पर अंतिम फैसला चुनाव आयोग द्वारा लिया जाएगा।
बिहार में क्या निकला SIR का परिणाम?
बिहार का चुनाव इस बार कई मायनों में खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि 22 साल बाद बिहार में वोटर लिस्ट में रिविजन हुआ है और नई वोटर लिस्ट तैयार हुई है। SIR से पहले बिहार में करीब 7 करोड़ 89 लाख वोटर्स थे। SIR के बाद अब बिहार में 7 करोड़ 42 लाख लोग वोट डालेंगे। वोटर लिस्ट रिवीजन के बाद करीब 65 लाख वोटरों के नाम कटे हैं जबकि करीब 21 लाख नए वोटर जुड़े हैं। इस बार चुनाव में पहले के मुकाबले करीब 47 लाख वोटर्स कम हैं। जो कुल वोटर्स का करीब 6 फीसदी है।
सुप्रीम कोर्ट ने की SIR पर टिप्पणी
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा है कि SIR कराना पूरी तरह से केंद्रीय चुनाव आयोग के क्षेत्राधिकार में है। कोर्ट ने कहा कि "ऐसे लोग हैं भी होंगे जो भारत में अनधिकृत रूप से रह रहे हैं, वे सामने नहीं आना चाहेंगे, उनका खुलासा हो जाएगा। कम से कम हमें उन लोगों की एक लिस्ट तो मिलनी चाहिए जो वास्तव में प्रभावित हुए हैं।" इस मामले में अगली सुनवाई गुरूवार 9 अक्टूबर को होगी।
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देश के अन्य राज्यों में SIR कब होगा? मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया ये जवाब