Thursday, May 02, 2024
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Jayalalithaa Death: जयललिता की मौत को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट, जांच हुई तो ये लोग पाए जाएंगे दोषी

Jayalalithaa Death: तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की मौत के वक्त के हालातों की जांच कर रहे एक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जयललिता की करीबी शशिकला पर दोषारोपण किए हैं।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: October 18, 2022 23:22 IST
Tamil Nadu's former CM Jayalalithaa - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Tamil Nadu's former CM Jayalalithaa

Highlights

  • पूर्व सीएम जयललिता की 2016 में हुई थी मौत
  • मौत की परस्थितियों की जांच कर रहा आयोग
  • जांच आयोग ने शशिकला को दोषारोपित किया

Jayalalithaa Death: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और अभिनेत्री जे. जयललिता की 2016 में मौत हो गई थी। अरुमुगास्वामी जांच आयोग जयललिता की मौत के लिए जिम्मेदार हालातों की जांच कर रहा है। इस आयोग ने जयललिता की करीबी वी.के. शशिकला को अपनी जांच में दोषी पाया है। इस बीच, सरकार ने मंगलवार को कहा कि कानूनी सलाह लेने के बाद वह कार्रवाई शुरू करेगी। 

न्यायमूर्ति ए अरुमुगास्वामी जांच आयोग की रिपोर्ट मंगलवार को तमिलनाडु विधानसभा के पटल पर रखी गई, जिसमें कहा गया है कि कई पहलुओं पर विचार करते हुए शशिकला को ‘दोषारोपित’ किया गया है और इसने जांच की सिफारिश की है। सरकार ने कहा कि जांच आयोग के कई पहुलओं और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों की समिति की रिपोर्ट पर असहमति जताने पर विचार करते हुए ‘‘यह फैसला लिया गया है कि कानूनी सलाह लेने के बाद, कुछ लोगों के खिलाफ की गई सिफारिश के आधार पर उपयुक्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।’’ 

जांच हुई तो ये लोग पाये जाएंगे दोषी

जांच आयोग की रिपोर्ट में डॉक्टर के.एस.शिवकुमार (शशिकला के रिश्तेदार), तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर को भी दोषारोपित किया गया है। साथ ही, इसमें कहा गया है कि यदि जांच का आदेश दिया जाए तो वे भी दोषी पाये जाएंगे। आयोग ने तत्कालीन मुख्य सचिव आर.मोहन राव और दो डॉक्टरों के खिलाफ जांच की सिफारिश की है, हालांकि इसने यह साफ नहीं किया है कि उसने इन लोगों की गलती पाई है या नहीं। आयोग ने कहा कि सरकार उस निजी अस्पताल के प्रमुख के खिलाफ जांच के बारे में फैसला कर सकती है, जहां जयललिता का इलाज चला था। जांच आयोग का अधिकार क्षेत्र जयललिता के 22 सितंबर 2016 को अस्पताल में भर्ती होने के लिए जिम्मेदार परिस्थिति और स्थिति और पांच दिसंबर 2016 को उनकी मृत्यु होने तक उनके उपचार की जांच करना शामिल था। 

शशिकला सहित कई लोगों को दोषारोपित किया
अन्नाद्रमुक की दिवंगत प्रमुख के अस्पताल में भर्ती होने के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों पर आयोग ने कहा है, ‘‘उसने शशिकला सहित अन्य लोगों के व्यवहार में कुछ भी असमान्य या अस्वाभाविक नहीं पाया।’’ इसने कहा कि जयललिता को बगैर विलंब किये अपोलो अस्पताल लेने जाने में पूरी सावधानी बरती गई। आयोग ने विचारार्थ विषयों के अन्य पहलू पर, शशिकला सहित अन्य लोगों को दोषारोपित किया है। आयोग 475 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में, एक तमिल पत्रिका की रिपोर्ट के आधार पर शशिकला और उनके रिश्तेदारों पर लगे साजिश के आरोपों की तह तक गया है। 

शशिकला को आवास से बाहर किया था
आयोग ने कहा कि वह इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि सिर्फ ठोस संदेह के आधार पर ही जयललिता ने शशिकला को अपने पोएस गार्डन आवास से बाहर (नवंबर 2011 से मार्च 2012 तक) कर दिया था। बाद में राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करने के संबंध में शशिकला से पत्र मिलने के बाद ही जयललिता ने उन्हें पोएस गार्डन स्थित आवास में लौटने की अनुमति दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री ई.के.पलानीस्वामी से जिरह करने की अर्जी पर आयोग ने कहा कि अर्जी देने वाले ने इसके लिए पर्याप्त कारण नहीं दिये हैं। आयोग ने इस साल 27 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी और इसे 29 अगस्त 2022 को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के लिए रखा गया था।

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