Friday, March 29, 2024
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Jharkhand News: महिला को सांप ने डसा तो इलाज के बजाय ICU में घंटों तंत्र-मंत्र करते रहे तांत्रिक, हालत बिगड़ी तो...

Jharkhand News: तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के जरिए सर्पदंश के इलाज का दावा करने वालों को झारखंड में ओझा-भगत कहते हैं। ऐसे तीन-चार ओझा-भगत आईसीयू में अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी महिला के साथ तंत्र-मंत्र करते रहे और हॉस्पिटल प्रबंधन मूकदर्शक बना रहा।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal
Published on: August 03, 2022 20:06 IST
tantrik treats snake bite patient - India TV Hindi
Image Source : IANS tantrik treats snake bite patient

Highlights

  • तंत्र-मंत्र जरिए सर्पदंश के इलाज का दावा करने वालों को ओझा-भगत कहते हैं
  • अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी महिला के साथ तंत्र-मंत्र करते रहे तांत्रिक
  • तांत्रिक अगरबत्ती जलाने के बाद मरीज की पीठ पर थाली चिपकाकर मंत्र पढ़ते रहे

Jharkhand News: झारखंड में अस्पतालों की कुव्यवस्था और जनमानस में अंधविश्वास की गहरी जड़ों को उजागर करती हैरान करने देने खबर सामने आई है। राज्य के गुमला जिले में सांप के डंसने की वजह से गंभीर हालत में सदर हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती कराई गई एक महिला लगभग 3 घंटे तक तांत्रिकों के हवाले रही। तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के जरिए सर्पदंश के इलाज का दावा करने वालों को झारखंड में ओझा-भगत कहते हैं। ऐसे तीन-चार ओझा-भगत आईसीयू में अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी महिला के साथ तंत्र-मंत्र करते रहे और हॉस्पिटल प्रबंधन मूकदर्शक बना रहा। जब उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ और हालत बिगड़ती गई तो परिजन उसे लेकर रिम्स के लिए रवाना हुए।

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें कि सदर प्रखंड के आंबुआ गांव निवासी शक्ति नायक की 25 वर्षीय पत्नी अर्चना देवी को सांप ने डस लिया। परिजनों ने उसे सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया, लेकिन गंभीर स्थिति देखते हुए डॉक्टर मनोज सुरीन ने उसे रिम्स, रांची के लिए रेफर कर दिया था। इसके बाद परिजन उसे रांची ले जाने के बजाय हॉस्पिटल में ही ओझा-भगत को बुलाकर झाड़-फूंक कराने लगे। शिलम गांव से आए तांत्रिक अगरबत्ती जलाने के बाद मरीज की पीठ पर थाली चिपकाकर मंत्र पढ़ते रहे। यह टोना-टोटका तीन घंटे तक चलता रहा। आईसीयू में भर्ती मरीज और परिजन भी यह सब झेलते रहे।

3 दिन पहले भी इस हॉस्पिटल में ऐसा ही वाकया सामने आया था। हुरहुरिया गांव के एक बालक की सर्पदंश से पुत्र की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने उसके जीवित हो उठने की आस में सदर अस्पताल परिसर में ओझा-भगत से घंटों झाड़-फूंक कराई थी। अस्पताल परिसर में लगातार हो रहे इस तरह के मामलों पर अस्पताल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है। हालांकि डॉक्टर ये जरूर कहते हैं कि जब भी सांप काटे किसी को भी तुरंत अस्पताल लाना चाहिए।

डॉक्टर मनोज सुरीन का कहना है कि उन्होंने सर्पदंश के मरीजों का इलाज हॉस्पिटल में उचित देखरेख में कराने की अपील करते हैं, लेकिन अंधविश्वास के चलते लोग यहां डॉक्टरों की सलाह की अनदेखी कर देते हैं। इस वजह से मरीज और गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं।

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