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Rajat Sharma's Blog | भिक्षा उन्मूलन: सिर्फ कानून से काम नहीं चलेगा, भिखारियों को काम सिखाना होगा

भिखारियों की पहचान करना, उनके खिलाफ भीख मांगने के सबूत इकट्ठे करना कठिन काम है। भीख देने वालों को पकड़ना, उनके खिलाफ केस बनाना तो और भी मुश्किल है।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Jan 25, 2025 11:02 IST, Updated : Jan 25, 2025 11:02 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

मध्य प्रदेश के इंदौर में भीख मंगवाने के जुर्म में एक भिखारी के खिलाफ FIR दर्ज की गई और भीख देने के जुर्म में एक शख्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया। दरअसल  केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय ने देश के दस शहरों को भिखारियों से मुक्त करने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इंदौर भी इसमें शामिल है। इंदौर प्रशासन अब शहर को भिखारियों से मुक्त करने की मुहिम में लगा है। भिखारियों को पकड़कर उन्हें समझाया जा रहा है, चौराहों पर लोगों से भीख न देने की घोषणा की जा रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि भीख मांगना और भीख देना दोनों जुर्म है।

इस अपराध के लिए एक साल तक जेल और 5 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। चूंकि पुलिस की अपील का ज्यादा असर नहीं दिख रहा था, इसलिए पुलिस ने कार्रवाई शुरु की। इंदौर के भंवर कुआं थाने में एक युवा के खिलाफ भीख देने का केस दर्ज किया है।  इंदौर ज़िला प्रशासन ने भीख मांगने या भीख देने वालों की जानकारी देने पर लोगों को एक हज़ार रुपये इनाम देने का भी एलान किया है। ये बात सही है कि न तो किसी को भिखारियों को देखना अच्छा लगता है और न किसी को भीख मांगना अच्छा लगता है, लेकिन अब भीख मांगना पेशा हो गया है। इसके पीछे बड़े बड़े गिरोह काम करते हैं। इसलिए सरकार का मकसद तो इन गिरोहों को खत्म करना है, लेकिन इस तरह के कानून बनाना जितना आसान होता है, उन्हें ज़मीनी स्तर पर लागू करना उतना ही मुश्किल।

भिखारियों की पहचान करना, उनके खिलाफ भीख मांगने के सबूत इकट्ठे करना कठिन काम है। भीख देने वालों को पकड़ना, उनके खिलाफ केस बनाना तो और भी मुश्किल है। दूसरी तरफ इसका एक भावनात्मक पहलू भी है। आम तौर पर लोगों की हमदर्दी भीख मांगने वालों के साथ होती है। इसीलिए ये उम्मीद करना कि भीख मांगने वालों की जानकारी देने के लिए लोगों को एक हजार रुपये का इनाम देने से काम हो जाएगा, मजाक लगता है। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हो, उन्हें जेल में डाला जाए तो किसी को कोई शिकायत नहीं होगी, पर किसी गरीब को, किसी बेबस को जेल में डाला जाए, इससे लोग खुश नहीं होंगे।

इस समस्या का समाधान कानून से या जेल से नहीं हो सकता। इसके लिए सामाजिक संगठनों को इस अभियान में शामिल करके भीख मांगने वालों को किसी काम में लगाएं तो बेहतर होगा। भीख मांगने वालों को ऐसे काम करने के लिए प्रशिक्षण देना होगा, जिससे उन्हें जीवन यापन के लिए  कमाने का अवसर मिले और उन्हें भीख न मांगनी पड़े। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 24 जनवरी, 2025 का पूरा एपिसोड

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