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Rajat Sharma's Blog | EVM: चुनाव आयोग ने दिया हर सवाल का जवाब

मेरी राय में, जो लोग चुनाव से पहले ही EVM पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बहुत सारे सवालों के जवाब देने होंगे - क्या लोकसभा चुनाव में EVM ठीक था और हरियाणा में हैक हो गया?

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Oct 16, 2024 15:13 IST, Updated : Oct 16, 2024 15:16 IST
Rajat sharma, INDIA TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

आम तौर पर चुनाव नतीजे आने के बाद EVM और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही EVM पर सवाल उठ गए। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखों का ऐलान भले हो गया हो, उसका स्वागत भी है, लेकिन विरोधी दलों को EVM पर भरोसा नहीं है क्योंकि जो हरियाणा में हुआ, वो महाराष्ट्र में भी हो सकता है। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव में चुनाव आयोग को अपनी निष्पक्षता साबित करनी पड़ेगी। 

कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने भी यही आरोप दोहराया। उन्होंने कहा कि इज़रायल ने हिज़बुल्ला के पेजर हैक करके लेबनान में धमाके कर दिए, इज़रायल हैकिंग में माहिर हैं और मोदी के इज़रायल के साथ अच्छे रिश्ते हैं, इसलिए बीजेपी इज़रायल की मदद से EVM भी हैक कर सकती है। राशिद अल्वी ने कहा कि महाराष्ट्र में सभी विपक्षी दलों को EVM के बजाए बैलेट पेपर से चुनाव की मांग करनी चाहिए। लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने EVM और चुनाव प्रक्रिया पर उठे हर सवाल का विस्तार से जवाब दिया। राजीव कुमार ने कहा कि दुनिया में कहीं भी भारत जैसी पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया नहीं है, इसके बाद भी सवाल उठाने वाले हर बार नए-नए मुद्दे उठा लाते हैं। जो लोग पेजर की हैकिंग को EVM से जोड़ रहे हैं, उन्हें इतना भी नहीं मालूम EVM इंटरनेट या किसी सैटेलाइट से कनेक्ट नहीं होता। ऐसे लोगों को वह क्या जवाब दें? 

राजीव कुमार ने कहा कि जहां तक हरियाणा के चुनाव को लेकर की गई शिकायतों का सवाल है तो किसी शिकायत में कोई ठोस आरोप नहीं हैं। चुनाव आयोग हर शिकायत का अलग-अलग जवाब देगा। चूंकि हरियाणा में मतों की गिनती के दौरान EVM की बैटरी को लेकर सवाल उठे थे, इस पर राजीव कुमार ने पूरी प्रक्रिया समझाई। उन्होंने कहा कि जब EVM में बैटरी डाली जाती है, तो उस पर भी उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों के दस्तखत होते हैं, हर पोलिंग बूथ में भेजी गई EVM के नंबर्स भी उम्मीदवारों को दिए जाते हैं। EVM की सील जब भी खोली जाती है, उस  वक्त भी उम्मीदवार मौजूद होते हैं। इसके बाद किसी तरह की हेराफेरी का सवाल कहां पैदा होता है?

मेरी राय में, जो लोग चुनाव से पहले ही EVM पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बहुत सारे सवालों के जवाब देने होंगे - क्या लोकसभा चुनाव में EVM ठीक था और हरियाणा में हैक हो गया?  क्या कर्नाटक और हिमाचल में EVM ने ठीक काम किया और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गड़बड़ हो गई? ऐसी बातों पर कौन यकीन करेगा? 

आज एक बार फिर बताना पड़ेगा कि EVM मशीन एक कैलकुलेटर की तरह होती है। इसका इंटरनेट से ब्लूटूथ से, या किसी और रिमोट डिवाइस से कोई कनेक्शन नहीं होता। EVM की बैटरी कितनी है, ये मशीन क्लोज़ करते समय फॉर्म में लिखा जाता है, जिसपर उम्मीदवार या उसके एजेंट के दस्तखत होते हैं। 

दूसरी बात, इतने बड़े देश में जहां हजारों EVM का इस्तेमाल होता है, जहां लाखों सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया से जुड़े होते हैं, कोई किसी मशीन की हैकिंग कैसे कर सकता है? और अगर कोई हेराफेरी करे तो ये बात छुपी कैसे रह सकती है? चुनाव में हार जीत होती रहती है पर अपनी हार के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराना या EVM मशीन का सवाल उठाना, बचकानी  बात लगती है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। अगर संवैधानिक संस्थाओं पर बिना सबूत के सवाल उठेंगे तो इससे हमारे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचेगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 15 अक्टूबर, 2024 का पूरा एपिसोड

 

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