Sunday, December 28, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. 'देश के हर गांव में RSS की शाखा होनी चाहिए, मतभेदों के बावजूद सभी लोगों के लिए राष्ट्र प्राथमिकता'- भागवत

'देश के हर गांव में RSS की शाखा होनी चाहिए, मतभेदों के बावजूद सभी लोगों के लिए राष्ट्र प्राथमिकता'- भागवत

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत के गौरव और विरासत के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ स्वयंसेवकों को देश की तरक्की के लिए काम करना चाहिए।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Dec 11, 2022 11:56 pm IST, Updated : Dec 12, 2022 06:12 am IST
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत(फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : PTI आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत(फाइल फोटो)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत के हर गांव में RSS की शाखा होनी चाहिए और उसके हर सदस्य को देश की प्रगति के लिए प्रयास करना चाहिए। संघ की असम इकाई के कार्यकर्ता शिविर के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि मतभेदों के बावजूद सभी लोगों के लिए राष्ट्र प्राथमिकता है। आरएसएस के एक बयान के अनुसार, ‘‘उन्होंने (भागवत) ने कहा कि भारत के हर गांव में एक शाखा होनी चाहिए, क्योंकि समाज ने संपूर्ण तौर पर उसकी खातिर उसे (शाखा को) काम करने का अवसर दिया है। इसलिए स्वयंसेवकों को आगे बढ़कर समाज का नेतृत्व करना चाहिए।’’ 

हमारे विचारों में भले ही भिन्नता हो लेकिन हमारे...

RSS प्रमुख ने कहा, ‘‘भारत के गौरव और विरासत के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ स्वयंसेवकों को देश की तरक्की के लिए काम करना चाहिए।’’ भागवत ने कहा, ‘‘हमें देश के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार रहना होगा। डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार ने मानव संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से 1925 में आरएसएस की स्थापना की थी। हमारे विचारों में भले ही भिन्नता हो, लेकिन हमारे दिमाग में भिन्नता नहीं होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि एक कमजोर समाज ‘राजनीतिक आजादी’ के फल का आनंद नहीं ले सकता।

हमारी संस्कृति में कर्म धर्म है, कोई अनुबंध नहीं

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारतीय संस्कृति में कर्म को ‘‘धर्म’’ के बराबर माना जाता है और इसे एक ‘विनिमय अनुबंध’ के रूप में नहीं देखा जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां (हमारी संस्कृति में) कर्म धर्म है, कोई अनुबंध नहीं।’’ उन्होंने कहा कि प्रचलित दृष्टिकोण यह है कि यदि अनुबंध से संबंधित एक पक्ष अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं करता है, तो दूसरा पक्ष भी इसे पूरा करने से इनकार कर देगा। 

भागवत ने कहा, ‘‘लेकिन यह दृष्टिकोण अब बदल रहा है और हमने अपने तरीके से सोचना शुरू कर दिया है।’’ आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समाज सेवा यह सोचे बिना की जानी चाहिए कि समाज के अन्य सदस्य मदद करेंगे या नहीं, और अगर यह ईमानदारी और नेक इरादे से की जाती है, तो लोग मदद के लिए जरूर आगे आएंगे।

 

Latest India News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement