Saturday, April 20, 2024
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सिख कैदियों की रिहाई के लिए देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू, पूर्व सीएम का हत्यारा, बम धमाके का दोषी भी लिस्ट में शामिल

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सिख कैदियों (‘बंदी सिंह’) की रिहाई के लिए देशभर में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। आनंदपुर साहिब स्थित तख्त श्री केसगढ़ साहिब में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा 'अरदास' (सिख प्रार्थना) किए जाने के बाद हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: December 01, 2022 19:07 IST
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सिख कैदियों (‘बंदी सिंह’) की रिहाई के लिए गुरुवार को एक देशभर में हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। एसजीपीसी का दावा है कि जेल की सजा पूरी होने के बावजूद ये सिख कैदी विभिन्न जेलों में बंद हैं। एसजीपीसी के अधिकारियों ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के करीब 25 गुरुद्वारों में हस्ताक्षर अभियान के लिए अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने इन केंद्रों पर एसजीपीसी द्वारा तैयार की गई याचिका पर हस्ताक्षर किए। 

"सरकार जानबूझकर 'बंदी सिंह' को रिहा नहीं कर रही"

आनंदपुर साहिब स्थित तख्त श्री केसगढ़ साहिब में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा 'अरदास' (सिख प्रार्थना) किए जाने के बाद हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया। इस अवसर पर एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि शीर्ष गुरुद्वारा निकाय लंबे समय से 'बंदी सिंह' की रिहाई के लिए आवाज उठाता रहा है और उसने एसजीपीसी की सभाओं में चर्चा के दौरान पारित विभिन्न प्रस्ताव भी सरकार को भेजे हैं। उन्होंने सरकार पर इस मामले में नकारात्मक रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया। धामी ने कहा, ‘‘सरकार जानबूझकर मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है और 'बंदी सिंह' को रिहा नहीं कर रही है।’’ सिख कैदियों की रिहाई के लिए उन्होंने 2002 के बिल्कीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों और राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई और सजा में छूट का भी हवाला दिया। धामी ने कहा, ‘‘सरकारों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए एसजीपीसी ने अब एक राष्ट्रव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है, जिसके तहत लाखों फॉर्म भरे जाएंगे और एक दिन के विरोध के बाद चंडीगढ़ में पंजाब के राज्यपाल को सौंपे जाएंगे।’’ 

पूर्व सीएम का हत्यारा, बम धमाके का दोषी की रिहाई की मांग 
हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि निकाय सभी धर्मों के लोगों से पहल का समर्थन करने का आग्रह करेगा और इस बाबत अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन से भी संपर्क करेगा। एसजीपीसी और शिरोमणि अकाली दल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी बलवंत सिंह राजोआना और 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदरपाल सिंह भुल्लर सहित विभिन्न सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। एसजीपीसी ने सितंबर में लिखे पत्र में सिख कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर बैठक के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा था। पत्र में एसजीपीसी ने नौ सिख कैदियों के नामों का उल्लेख करते हुए दावा किया था कि ये कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। 

कई संगीन मामलों के कैदियों की रिहाई भी मांगी
एसजीपीसी ने राजोआना और भुल्लर के अलावा गुरदीप सिंह खेड़ा, जगतार सिंह हवारा, लखविंदर सिंह लक्खा, गुरमीत सिंह, शमशेर सिंह, परमजीत सिंह भ्योरा और जगतार सिंह तारा के नामों का उल्लेख किया था। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और टाडा अधिनियम समेत कई धाराओं के तहत दर्ज मामले में खेड़ा पिछले 32 साल से आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे 2015 में कर्नाटक जेल से अमृतसर जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। हवारा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में पिछले 27 साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जबकि लक्खा, गुरमीत और शमशेर भी इसी मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में बंद हैं। भ्योरा और तारा बेअंत सिंह हत्याकांड में भी दोषी हैं और चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में बंद हैं। तारा के खिलाफ पटियाला और जालंधर में कुछ आतंकवादी घटनाओं में शामिल होने के मामले हैं। 

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