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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका नहीं भेजे जाएंगे भारतीय सैनिक, उच्चायोग ने मीडिया के खबरों को किया खारिज

Sri Lanka Crisis: भारतीय उच्चायोग ने देर रात एक ट्वीट में कहा, ''उच्चायोग मीडिया और सोशल मीडिया के एक वर्ग में, भारत द्वारा अपनी सेना श्रीलंका भेजे जाने को लेकर आ रहीं खबरों का स्पष्ट रूप से खंडन करना चाहता है।''

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published : Jul 11, 2022 02:16 pm IST, Updated : Jul 11, 2022 02:16 pm IST
Protest In Sri Lanka- India TV Hindi
Image Source : AP Protest In Sri Lanka

Highlights

  • श्रीलंका नहीं भेजे जाएंगे भारतीय सैनिक
  • भारतीय उच्चायोग ने मीडिया और सोशल मीडिया के खबरों का किया खंडन
  • सुब्रमण्यम स्वामी के एक ट्वीट के बाद लगाई जाने लगी थीं अटकलें

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने उन खबरों का फिर से खंडन किया है, जिनमें कहा गया है कि नयी दिल्ली द्वारा कोलंबो में भारतीय सैनिक भेजे जाएंगे। भारतीय उच्चायोग ने देर रात एक ट्वीट में कहा, ''उच्चायोग मीडिया और सोशल मीडिया के एक वर्ग में, भारत द्वारा अपनी सेना श्रीलंका भेजे जाने को लेकर आ रहीं खबरों का स्पष्ट रूप से खंडन करना चाहता है। ये खबरें और इस तरह के विचार भारत सरकार के रुख के अनुरूप नहीं हैं।'' उच्चायोग ने कहा, ''भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है, क्योंकि वह लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं।''

'हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं'

कोलंबो में बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथल-पुथल पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में, भारत ने रविवार को कहा कि वह लोकतांत्रिक साधनों, स्थापित संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के आकांक्षी श्रीलंका वासियों के साथ खड़ा है। विदेश मंत्रालय (एमईए) की यह टिप्पणी हज़ारों प्रदर्शनकारियों द्वारा राष्ट्रपति राजपक्षे और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के घर पर धावा बोलने के एक दिन बाद आयी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत श्रीलंका के घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रखे हुए है और वह उन कई चुनौतियों से अवगत है जिनका देश और उसके लोग सामना कर रहे हैं। बागची ने कहा, ''भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी है और हमारे दोनों देश गहरे सभ्यतागत बंधन साझा करते हैं। हम उन कई चुनौतियों से अवगत हैं जिनका श्रीलंका और उसके लोग सामना कर रहे हैं, और हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े हैं।'' 

'नयी दिल्ली अपने सैनिक कोलंबो नहीं भेज रही है'

उच्चायोग का यह ट्वीट वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के एक ट्वीट के बाद उत्पन्न हुईं अटकलों के बाद आया है। स्वामी ने रविवार को ट्वीट किया, ''गोटाबाया और महिंदा राजपक्षे दोनों ही प्रचंड बहुमत के साथ एक स्वतंत्र चुनाव में चुने गए थे। भारत कैसे भीड़ को इस तरह के वैध चुनाव को उलटने की अनुमति दे सकता है? तब हमारे पड़ोस में कोई भी लोकतांत्रिक देश सुरक्षित नहीं रहेगा। अगर राजपक्षे भारत की सैन्य मदद चाहते हैं तो हमें उनकी मदद करनी चाहिए।'' इससे पहले, मई में भी भारतीय उच्चायोग ने मीडिया के एक वर्ग में आई इन खबरों को खारिज किया था कि नयी दिल्ली अपने सैनिक कोलंबो भेज रही है।

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