Saturday, May 04, 2024
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ट्यूशन के लालच में खुद को ISRO का वैज्ञानिक बताता था टीचर, लैंडर मॉड्यूल को डिजाइन करने का भी दावा, पुलिस ने दबोचा

गुजरात में एक ऐसे टीचर को गिरफ्तार किया गया है, जो ट्यूशन के लालच में खुद को ISRO का वैज्ञानिक बताता था। पुलिस ने शख्स के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।

Rituraj Tripathi Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published on: August 29, 2023 23:32 IST
Surat- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE PIC पुलिस ने टीचर को गिरफ्तार किया

सूरत: गुजरात से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक ऐसे टीचर को गिरफ्तार किया गया है, जो ट्यूशन के लालच में लोगों को बताता था कि वह ISRO का वैज्ञानिक है और उसने चंद्रयान-3 के लिए लैंडर मॉड्यूल का डिजाइन तैयार किया। शख्स की पहचान 30 साल के मितुल त्रिवेदी के रूप में हुई है और वह सूरत में ट्यूशन के लिए स्टूडेंट्स का अटेंशन पाने के लिए ऐसा करता था। पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी दी है।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस ने बताया कि इस शख्स ने खुद को वैज्ञानिक बताते हुए सूरत में मीडिया को इंटरव्यू दिया था और दावा किया था कि उसने चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-3’के लिए लैंडर मॉड्यूल का डिजाइन तैयार किया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी मितुल त्रिवेदी की उम्र 30 साल के आसपास है और वह सूरत शहर में अपनी ट्यूशन कक्षाओं के वास्ते अधिक छात्रों को आकर्षित करने के लिए खुद को इसरो वैज्ञानिक के रूप में पेश करता था। 

एक अधिकारी ने बताया कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के मॉड्यूल को डिजाइन करने का दावा करते हुए विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद स्थानीय मीडिया को साक्षात्कार देते हुए देखे जाने पर त्रिवेदी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि त्रिवेदी ने खुद को इसरो के प्राचीन विज्ञान अनुप्रयोग विभाग के सहायक अध्यक्ष के रूप में खुद को पेश किया और एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी पेश किया।

पुलिस ने बताया कि जांच में पता लगा कि शख्स किसी भी तरह से इसरो के चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ा नहीं था और उसने इसरो कर्मचारी होने का झूठा दावा किया था। पुलिस ने बताया कि चंद्रयान-3 की सफलता में कोई योगदान नहीं देने के बावजूद इस शख्स ने इसरो के बारे में फर्जी संदेश फैलाए,जिससे बेंगलुरु मुख्यालय वाली संस्था की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। 

इस फर्जी वैज्ञानिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। (इनपुट:भाषा)

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