Tuesday, April 16, 2024
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बल्ला मैच की जीत का प्रतीक होना चाहिये, प्रजातंत्र की हार का नहीं: कमलनाथ

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय का जिक्र किए बिना परोक्ष तौर पर युवा जनप्रतिनिधियों को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि युवा जनप्रतिनिधि साथियों, बल्ले को मैदान में भारत की जीत का प्रतीक बनाइए, सड़कों पर प्रजातंत्र की हार का नहीं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: June 28, 2019 19:18 IST
akash kamalnath- India TV Hindi
Image Source : PTI बल्ला मैच की जीत का प्रतीक होना चाहिये, प्रजातंत्र की हार का नहीं: कमलनाथ

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय का जिक्र किए बिना परोक्ष तौर पर युवा जनप्रतिनिधियों को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि युवा जनप्रतिनिधि साथियों, बल्ले को मैदान में भारत की जीत का प्रतीक बनाइए, सड़कों पर प्रजातंत्र की हार का नहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘युवा जनप्रतिनिधियों, आप पर दायित्व है सदन में कानून बनाने का, सड़कों पर कानून हाथ में लेने का नहीं। आप अपनी बात दृढ़ता और मुखरता से रखें, लेकिन मर्यादा को लांघ कर नहीं।’’

कमलनाथ की ओर से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी एक बयान में यह बात कही गई। कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी है।

गौरतलब है कि जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के दौरान विवाद के बाद भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बुधवार को इन्दौर में नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को कथित तौर पर क्रिकेट के बैट से पीट दिया था। आकाश (34) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं और नवंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में इन्दौर-3 विधानसभा सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने।

बयान में युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान की दो बड़ी खूबियां हैं--एक तो यह विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र है और दूसरा विश्व में सर्वाधिक युवा देश। ऐसे में स्वाभाविक है कि चुने हुए युवा जन प्रतिनिधियों से देश को अपेक्षाएं भी अधिक होंगी, और हों भी क्यों न, हमारे पास अपने प्रजातंत्र की गौरवशाली विरासत जो है। भारतीय प्रजातंत्र का जो छायादार वटवृक्ष आज हमें दिखाई देता है, इसके त्याग और बलिदान का बीज बहुत गहरा बोया गया है और आज समूचे विश्व के लिए यह प्रेरणादायी है।

उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा विधायक आकाश को नसीहत देते हुए कहा, ‘‘पंडित नेहरू कहते थे, ‘संस्कारवान युवा ही देश का भविष्य सँवारेगा।’ आज हमारे चुने हुए युवा जनप्रतिनिधियों को आत्ममंथन-आत्मचिंतन करना चाहिए कि वो किस रास्ते पर भारत के भविष्य को ले जाना चाहते हैं। एक रास्ता प्रजातंत्र की गौरवशाली विरासत की उम्मीदों को पूरा करने वाला है, और दूसरा उन्मादी। दोस्तों, उन्मादी व्यवहार सस्ता प्रचार तो दे सकता है, प्रजातंत्र को परिपक्वता नहीं दे सकता।’’

उन्होंने आगे कहा कि आज समूचे विश्व को हमारे बल्ले की चमक देखने को मिल रही है। हमारी क्रिकेट टीम लगातार जीत हासिल कर रही है और हमें पूरी उम्मीद है कि हम विश्व कप में अपना परचम लहराएंगे। मगर बल्ले की यह जीत बगैर मेहनत के हासिल नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बात मैं सीमित और संकुचित दायरे में रह कर नहीं कह रहा हूं। सभी दल के युवा साथियों से मेरा यह अनुरोध है। मुख्यमंत्री होने के नाते मेरा दायित्व भी है कि मैं अपने नौजवान और होनहार साथियों के साथ विमर्श करता रहूं। युवा जनप्रतिनिधि साथियों, बल्ले को मैदान में भारत की जीत का प्रतीक बनाइए, सड़कों पर प्रजातंत्र की हार का नहीं।’’ 

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