Saturday, May 04, 2024
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SC/ST अधिनियम: सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका, गृहमंत्री ने की शांति की अपील

SC-ST ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले के विरोध में दलित संगठनों का भारत बंद का उत्तर भारत के राज्यों में व्यापक असर दिख रहा है...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 02, 2018 16:41 IST
SC/ST Act: Government files review petition, Home minister Rajnath Singh appeals for peace | PTI- India TV Hindi
SC/ST Act: Government files review petition, Home minister Rajnath Singh appeals for peace | PTI Photo

नई दिल्ली: SC-ST ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले के विरोध में दलित संगठनों का भारत बंद का उत्तर भारत के राज्यों में व्यापक असर दिख रहा है। यह आंदोलन कई जगहों पर अब हिंसक रूप अख्तियार कर चुका है। आंदोलन में हिंसा के चलते मध्य प्रदेश में 4 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, देश के अन्य हिस्सों से भी कम से कम 3 लोगों की मौत की खबर है। इसी बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बताया कि केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को‘ कमजोर’ करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।

इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक पार्टियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि विरोध-प्रदर्शन की आड़ में किसी तरह की सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम न दिया जाए। राजनाथ ने उन आरोपों को भी ‘निराधार’ बताया जिनमें NDA सरकार के पिछड़े समुदायों के उत्थान के खिलाफ होने की बात कही गई थी। सिंह ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना राजनीतिक पार्टियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि कहीं भी कोई जातीय या सांप्रदायिक हिंसा न हो।’ सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अपने आदेश में कहा था कि अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमों में बिना जांच के किसी भी लोक सेवक को गिरफ्तार न किया जाए और सामान्य नागरिकों को भी कानून के तहत पूछताछ के बाद ही गिरफ्तार किया जाए। न्यायालय के आदेश का विरोध करते हुए कई दलित संगठनों ने आज भारत बंद आहूत किया है।

संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दलितों की दुर्दशा को लेकर RSS और बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि वह समुदाय के उन ‘भाइयों और बहनों’ को सलाम करते हैं जो मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे हैं। संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ‘केंद्र सुनवाई में पक्षकार नहीं है। इसलिए सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से एक व्यापक पुनर्विचार याचिका दायर कर दी गई है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार पूरे सम्मान के साथ यह कहना चाहती है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले में दिए तथ्यों से सहमत नहीं है।’

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