Friday, April 19, 2024
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क्या होता है No Confidence Motion और किसने पेश किया था भारत में पहला अविश्वास प्रस्ताव?

संसद में आज तक कुल 26 अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए हैं। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कुल 15 बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा, जबकि लाल बहादुर शास्त्री और नरसिम्हा राव के खिलाफ तीन-तीन बार अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 20, 2018 10:26 IST
क्या होता है No Confidence Motion और किसने पेश किया था भारत में पहला अविश्वास प्रस्ताव?- India TV Hindi
क्या होता है No Confidence Motion और किसने पेश किया था भारत में पहला अविश्वास प्रस्ताव?

नई दिल्ली: मोदी सरकार के खिलाफ आज संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी जो कुल सात घंटे चलेगी। इस कारण आज संसद में कोई प्रश्नकाल या लंच नहीं होगा।बीजेपी की ओर से राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से एक-एक सांसद को भी कुछ मिनट बोलने का मौका दिया जा सकता है। इन तीनों राज्यों में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बहस में अंतिम वक्ता होंगे। सूत्रों ने बताया कि वह एक घंटे से अधिक समय तक बोल सकते हैं। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 38 मिनट आवंटित किए गए हैं। बीजू जनता दल को 15 मिनट, एआईएडीएमके को 29 और शिवसेना को 14 मिनट का वक्त दिया गया है।

क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव

अविश्वास प्रस्ताव एक बयान या वोट होता है जो बताता है कि सरकार अपने दायित्वों को पूरा करने में विफल रही है, या ऐसे निर्णय ले रही है जो सदन के अन्य सदस्यों को हानिकारक लगता है या जब विपक्ष को लगता है कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। एक संसदीय प्रस्ताव के रूप में, यह प्रधानमंत्री को दर्शाता है कि निर्वाचित की गई संसद को नियुक्त की गई सरकार में विश्वास नहीं है।

यह कैसे काम करता है
अविश्वास प्रस्ताव को सिर्फ संसद के निचले सदन यानी कि लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सदन के कम से कम 50 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है, जिसके बाद स्पीकर इसे स्वीकार करते हैं। यदि प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है, तो इस पर चर्चा के बाद वोटिंग कराई जाती है। यदि सदन में हुई वोटिंग में बहुमत प्रस्ताव के साथ होता है तो यह पास हो जाता है और सरकार गिर जाती है।

भारत में पहला अविश्वास प्रस्ताव किसने पेश किया था
भारत में पहला अविश्वास प्रस्ताव आचार्य कृपलानी ने अगस्त 1963 में पेश किया था। यह प्रस्ताव भारत-चीन के बीच हुए 1962 के युद्ध के तुरंत बाद पेश किया गया था।

संसद में अब तक कितने अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए हैं
संसद में आज तक कुल 26 अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए हैं। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कुल 15 बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा, जबकि लाल बहादुर शास्त्री और नरसिम्हा राव के खिलाफ तीन-तीन बार अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए। वहीं मोरारजी देसाई को दो बार, जबकि जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी को एक-एक बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। भारत के राजनीतिक इतिहास में सिर्फ एक बार ऐसा मौका है जब अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार गिरी हो। 12 जुलाई 1979 को प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने बहस के बाद इस्तीफा दे दिया था।

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया विपक्ष
विपक्षी पार्टियों ने कई मुद्दों पर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया जिनमें आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, गोरक्षकों का उत्पात, मॉब लिंचिंग, महिलाओं एवं दलितों पर अत्याचार और देश भर में रेप की घटनाएं शामिल हैं। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को पिछले बजट सत्र के दौरान अनुमति नहीं मिली थी और पूरा सत्र टीडीपी, टीआरएस और कुछ अन्य पार्टियों के सदस्यों द्वारा किए गए हंगामों की भेंट चढ़ गया था।  

सरकार के सामने क्या है रास्ता
नरेंद्र मोदी की सरकार ने कहा है कि वह सदन में विभिन्न विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है क्योंकि उसके पास पर्याप्त संख्याबल मौजूद है। एक केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को कहा, ‘पूरे देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास है।’

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