Thursday, May 02, 2024
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हाईकोर्ट ने विजयन सरकार को दिया बड़ा झटका, दिवंगत विधायक के बेटे की नियुक्ति रद्द

हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में ‘डाइंग इन हार्नेस मोड’ के तहत सरकारी नौकरी का नियम लागू नहीं होता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 03, 2021 16:44 IST
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Image Source : PTI केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को हाईकोर्ट के एक फैसले से बड़ा झटका लगा है।

Highlights

  • कोर्ट ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दिवंगत विधायक के. के. रामचंद्रन नायर के बेटे की नियुक्ति रद्द कर दी।
  • केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दिवंगत विधायक के बेटे को सरकारी नौकरी मुहैया कराई थी।
  • मुख्यमंत्री विजयन ने नायर के बेटे आर. प्रशांत को PWD में नियुक्त करने का निर्णय लिया था।

कोच्चि: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को हाईकोर्ट के एक फैसले से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दिवंगत विधायक के. के. रामचंद्रन नायर के बेटे की नियुक्ति रद्द कर दी है। विजयन ने दिवंगत विधायक के बेटे को सरकारी नौकरी मुहैया कराई थी। इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए नियुक्ति रद्द कर दी और कहा कि 'विधायक सरकारी कर्मचारी नहीं है।' 2016 के विधानसभा चुनावों में चेंगानूर विधानसभा क्षेत्र से चुने जाने के बाद पहली बार विधायक बने नायर का 2018 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया था।

विजयन ने दी थी आर. प्रशांत को नौकरी

विजयन ने एक आश्चर्यजनक निर्णय लेते हुए नायर के बेटे आर. प्रशांत को लोक निर्माण विभाग (PWD) में सहायक अभियंता के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया, जिसकी काफी समय से भारी आलोचना हो रही थी। हालांकि, पलक्कड़ के एक याचिकाकर्ता अशोक कुमार ने इस संबंध में हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की और शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि एक विधायक सरकारी कर्मचारी नहीं है, क्योंकि उनका केवल 5 वर्ष के लिए एक निर्वाचित कार्यकाल होता है।

अदालत ने रद्द कर दी प्रशांत की नियुक्ति
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि यही वजह है कि इस मामले में ‘डाइंग इन हार्नेस मोड’ के तहत सरकारी नौकरी का नियम लागू नहीं होता है। यह कहते हुए अदालत ने आर. प्रशांत की लोक निर्माण विभाग में हुई नियुक्ति को रद्द कर दिया। संयोग से, यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब विजयन द्वारा मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से नायर के कर्ज को चुकाने के लिए पर्याप्त राशि मंजूर किए जाने के बाद लोकायुक्त के समक्ष एक याचिका दायर की गई है।

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