Friday, May 03, 2024
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Why Mukul Goyal removed: मात्र 11 महिने में DGP के पद से क्यों हटाए गए मुकुल गोयल, पिछले साल जून में संभाले थे कमान?

मुकुल गोयल को अब सिविल डिफेंस का डीजी बनाया गया है। यूपी सरकार ने मुकुल गोयल को DGP के पद से हटा दिया है। पिछले साल जून के महीने में गोयल ने यह पद संभाला था और मात्र 11 महीने बाद ही उनकी छुट्टी कर दी गई है। इसके पीछे वजह बताई गई है कि- 'पुलिस महानिदेश मुकुल गोयल शासकीय कार्यों की अवहेलना कर रहे थे। विभागीय कार्य में रुचि नहीं ले रहे थे। पुलिसिंग में भी उनका ध्यान नहीं लग रहा था। सरकारी कामों को भी नजरअंदाज कर रहे थे। 

Shashi Rai Written by: Shashi Rai @km_shashi
Published on: May 12, 2022 13:58 IST
Why Mukul Goyal removed from the post of DGP- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Why Mukul Goyal removed from the post of DGP

Highlights

  • मात्र 11 महिने में DGP के पद से हटाए गए मुकुल गोयल
  • पिछले साल जून में संभाले थे कमान
  • मुकुल गोयल पर शासकीय कार्यों की अवहेलना सहित कई आरोप

Why Mukul Goyal removed: मुकुल गोयल को अब सिविल डिफेंस का डीजी बनाया गया है। यूपी सरकार ने मुकुल गोयल को DGP के पद से हटा दिया है। पिछले साल जून के महीने में गोयल ने यह पद संभाला था और मात्र 11 महीने बाद ही उनकी छुट्टी कर दी गई है। इसके पीछे वजह बताई गई है कि- 'पुलिस महानिदेश मुकुल गोयल शासकीय कार्यों की अवहेलना कर रहे थे। विभागीय कार्य में रुचि नहीं ले रहे थे। पुलिसिंग में भी उनका ध्यान नहीं लग रहा था। सरकारी कामों को भी नजरअंदाज कर रहे थे। 

पद संभालते ही विवादों में आ गए थे गोयल

बता दें, पिछली साल जब मुकुल गोयल ने DGP का पद संभाला था, तब पश्चिम उत्तर प्रदेश के अखबारों में एक ज्वेलरी शो रूम के मालिक ने बड़े-बड़े इश्तेहार देकर मुकुल गोयल को डीजीपी बनने की बधाई दे डाली। जिसको लेकर काफी विवाद हुआ। 

वहीं उनका दूसरा विवाद लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के साथ हुआ। 5 सिंतबर 2021 को बतौर डीजीपी मुकुल गोयल पूरे लाव लश्कर के साथ हजरतगंज थाने पहुंचे गए। थाने का निरीक्षण किया और निरीक्षण के दौरान ही उन्होने इंस्पेक्ट हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला को हटाने का आदेश दे दिया। इस आदेश से पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर भी हैरान थे। इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला को डेंगू हुआ था। मुकुल गोयल को उनके बीमार होने की बात बताई गई। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री कार्यालय या किसी भी बड़े अफसर को किसी भी मातहत को हटाने या पोस्ट करने का आदेश नहीं देना है। 

लखीमुपर के तिकुनिया हिंसा के दौरान भी मुकुल गोयल ने गंभीरता नहीं दिखाई। कानून व्यवस्था बिगड़ने पर खुद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार मोर्चा संभाले, 2 दिनों तक प्रशांत कुमार ने लखीमपुर में कैंप किया। लेकिन गोयल ना तो लखीमपुर गए और ना ही किसी अन्य जिले में पुलिसिंग करते दिखे। इसके साथ ही बुलडोजर अभियान में भी गोयल ने सक्रीयता नहीं दिखाई। 

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