Thursday, March 28, 2024
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निवेशकों के लिए खास होगी यूपी की नई टाउनशिप पॉलिसी, सीएम योगी ने दिए दिशा-निर्देश

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग सबसे अधिक हैं, जिसकी पूर्ति में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में निजी पूंजी निवेश के माध्यम से सुनियोजित नगरीय विकास को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की जरूरतों के अनुसार व्यावहारिक नई टाउनशिप नीति तैयार की जाए।

Sanjay Sah Reported By: Sanjay Sah @sanjaysah_india
Updated on: November 01, 2022 23:14 IST
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश- India TV Hindi
Image Source : PTI योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

UP new township policy:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य की नवीन टाउनशिप नीति के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में सीएम योगी ने नई नीति को अंतिम रूप देने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरों के नियोजित एवं सुस्थिर विकास के लिए आवास एवं उससे संबद्ध अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता आवश्यक है। विगत साढ़े पांच वर्ष में प्रदेश में सुनियोजित शहरीकरण तेजी से बढ़ा है। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत इसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

सीएम योगी के दिशा निर्देश

  1. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निम्न एवं मध्यम आय वर्गों हेतु अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग सबसे अधिक हैं, जिसकी पूर्ति में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में निजी पूंजी निवेश के माध्यम से सुनियोजित नगरीय विकास को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की जरूरतों के अनुसार व्यावहारिक नई टाउनशिप नीति तैयार की जाए। 
  2. आवास निर्माण के लिए भूमि पहली आवश्यकता है। निवेशकों को भूमि की उपलब्धता आसानी से हो सके, इसके लिए भूमि जुटाव की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना आवश्यक है। भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को और सरल किया जाए। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए विभिन्न स्वीकृतियों/अनापत्तियों हेतु सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था होनी चाहिए। 
  3. भूमि का उचित उपयोग सुनिश्चित किये जाने हेतु 'वर्टिकल डेवलपमेंट' को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ तक किया जाना चाहिए। 50 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की परियोजना में लीड मेम्बर की रियल एस्टेट में अनुभव की अनिवार्यता का प्रावधान हो।
  4. राज्य सरकार का प्रयास है कि समाज के प्रत्येक परिवार को उसकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की सुविधा मुहैया हो सके। साथ ही, ग्राहकों के साथ-साथ भू-स्वामियों/किसानों के हितों का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  5. प्रोजेक्ट की स्वीकृति के साथ ही उसकी पूर्णता की समय-सीमा भी तय होनी चाहिए। यह समय-सीमा सुस्पष्ट हो और सभी के लिए बाध्यकारी हो। योजना की शुरुआत के समय कुल परियोजना क्षेत्रफल की न्यूनतम भूमि के सम्बंध में स्पष्ट प्रावधान हो।
  6. विगत दिनों शासन स्तर पर विभिन्न नगरीय निकायों की सीमा विस्तार की कार्यवाही हुई है, साथ ही कई नए नगरीय निकाय भी गठित हुए हैं। भविष्य के दृष्टिगत हमें नए शहरों के स्थापना-विकास की दिशा में नियोजित प्रयास करना होगा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नवीन शहरों के स्थापना के लिए अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। 
  7. हाल के समय में हमारे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। विकास प्राधिकरणों को इनसे प्रेरणा लेकर अपनी कार्यशैली को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्रधिकरणों में रिक्त सभी पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाए।
  8. प्रदेश के हर विकास प्राधिकरण द्वारा अपने क्षेत्र में एक सर्वसुविधायुक्त कन्वेंशन सेंटर तैयार करे। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए। सभी विकास प्राधिकरण इस सम्बंध में अपनी योजना तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत करें।

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