Thursday, December 12, 2024
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झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया स्थगित, नियमावली भी बदली, 12 छात्रों की मौत के बाद CM ने लिया बड़ा फैसला

झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में हुई छात्रों की मौत की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने अगले तीन दिनों के लिए भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश दिया है। साथ ही दौड़ के पहले अभ्यर्थियों को नाश्ता व फल उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है।

Written By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published : Sep 02, 2024 23:15 IST, Updated : Sep 02, 2024 23:15 IST
झारखंड के सीएम हमेंत सोरेन- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA झारखंड के सीएम हमेंत सोरेन

झारखण्ड उत्पाद विभाग में 583 पदों के लिए हो रही शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान राज्य के अलग-अलग जगहों से कुल 12 छात्रों की मौत हो गयी। इस दुःखद और मर्माहत कर देने वाली घटना के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन दिनों के लिए परीक्षा को स्थगित कर दी है। घटना को लेकर सीएम सोरेन ने अपने एक्स हैंडल से छात्रों की मौत पर दुख जताया है और दौड़ के दौरान अभ्यर्थियों की मौत के बाद कुछ अहम फैसले लिए हैं। CM के आदेश के बाद परीक्षा तीन दिनों के लिए स्थगित कर दी गई। यानी दिनांक 3, 4 एवं 5 सितंबर को राज्य के सात(07) केन्द्रों में आयोजित होने वाली झारखंड उत्पाद सिपाही दक्षता परीक्षण को स्थगित कर दिया गया है।

फिजिकल टेस्ट में 12 लोगों की मौत

मालूम हो कि 22 अगस्त से राज्य में उत्पाद सिपाही भर्ती के लिए दौड़ की प्रक्रिया शुरू की गई थी। राज्य भर में दौड़ के लिए सात केंद्र बनाए गए थे। जिसमे रांची में दो जगहों के अलावा गिरिडीह, पलामू, सीटीसी मुसाबनी, साहिबगंज शामिल हैं। लेकिन 28 अगस्त की दौड़ में पलामू की चार छात्रों के मौत ने सबको चौका दिया और देखते ही देखते दूसरे जिलों से भी छात्रों की मौत की खबर आने लगी। आज छात्रों के मौत की संख्या 12 हो गयी है। लेकिन हैरानी वाली बात यह है की सरकारी ने हफ्ते भारत तक आंकड़ा छुपाने की कोशिश की। JMM के महासचिव ने तो यह भी बयान दिया कि यह कोरोना का साइड इफेक्ट भी हो सकता है। जाहिर है की इस दौड़ प्रतियोगिता में इस उमस भरी गर्मी में छात्रों को एक घंटे में 10 किलोमीटर दौड़ पूरी करनी थी। 

28 अगस्त से शुरू हुआ मौत का सिलसिला

छात्रों की मौत की खबर सबसे पहले पलामू जिले से आई। जिसमें चार छात्र की मौत हुई। 27 अगस्त को परीक्षा हुई। 28 अगस्त से छात्रों की मौत की खबरें आनी शुरू हो गईं। उसके बाद हजारीबाग से दो छात्रों की मौत की खबर आई। जिसमें दो छात्र की मौत की खबर आई। उसके बाद गिरिडिह जिले से मौत की खबर आई। जिसमें दो अन्य छात्र की मौत की खबर थी। 28 अगस्त को अलग-अलग जगहों से छात्रों के मौत की खबर सामने आई लेकिन आंकड़े स्पस्ट नहीं थे। फिर एक अगस्त रविवार को पुलिस ने बयान जारी कर 11 छात्रों की मौत की पुष्टि कर दी। आज रांची के हॉस्पिटल में एक छात्र ने फिर दम तोड़ दिया, जिससे मौत का आंकड़ा 12 हो गया है।

झारखण्ड उत्पाद विभाग में भर्ती के लिए दौड़ में मरने वालों के नाम 

  1. पलामू में बिहार के गया के रहने वाले अमरेश कुमार
  2. रांची में ओरमांझी के अजय महतो 
  3. छतरपुर के अरुण कुमार 
  4. गोड्डा के प्रदीप कुमार
  5. हजारीबाग में गिरिडीह के देवरी के रहने वाले सूरज वर्मा 
  6. हजारीबाग के  मांडू के रहने वाले महेश कुमार
  7. गिरिडीह में गोड्डा के रहने वाले सुमित कुमार
  8. पूर्वी सिंहभूम में गिरिडीह के केश्वरी निवासी पिंटू कुमार
  9. पलामू के दीपक पासवान

बाकी 3 छात्रो की जानकारी अभी तक नही मिल पाई है।

भाजपा ने सोरेन सरकार पर उठाया सवाल

वैसे पुलिस के मुताबिक, अब तक 1 लाख 27 हजार 572 अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल हो चुके हैं। जिनमें 78,023 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। जिनमें 55,439 पुरुष और 21,582 महिलाएं हैं। फिलहाल इस मामले में अब राजनीति भी तेज हो गई है। बीजेपी शुरू से ही मौत का आंकड़ा 10 कह रही थी। पुलिस ने हफ्ते भर आंकड़ा छिपाए रखा। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ,पलामू सांसद BD राम, भवनाथपुर के विधायक भानु प्रताप शाही पलामू में पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और परिवार को सान्तवना दी। जबकि रांची में रांची के बीजेपी के युवा मोर्चा ने हेमंत सरकार का पुतला दहन किया।

हिमंता विश्वा सरमा पहुंचे रांची

मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा भी रांची पहुंचे। उन्होंने उत्पाद विभाग में छात्रों की नियुक्ति में मौत पर सवाल उठाया। फिजिकल टेस्ट के समय पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अगस्त और सितंबर में सबसे ज्यादा गर्मी होती है। गर्मी में फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया। सेना भर्ती के समय भी इतने युवाओं की कभी मौत नहीं हुई। इतने युवाओं की मौत पर हेमंत सरकार क्या जबाब देगी? बिना मेडिकल सेटअप के युवाओं को दौडाया गया। इस घटना की हम निंदा करते हैं। नेशनल ह्यूमन राइट में इस मामले की इंक्वायरी की अर्जी देंगे। मृतक परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। 15 दिन के लिए बहाली रोक दीजिए। गरीब परिवार से लोग आते हैं। उन्हें एक ग्लास दूध और एक सेव खिलाइये। कुछ घंटे आराम करने दीजिए। हमारी पार्टी अभी मृतक परिवार को एक-एक लाख रुपये सहायता राशि देगी। हमारी मांग है सरकार पीड़ित परिवार को 50 लाख कैश और एक सरकारी नौकरी दे। आसाम में कोरोना टीका लेने के बाद असम में कितनी बहाली हुई। CRPF में नियुक्तियां हुईं, अग्निवीर में बहाली हुई लेकिन एक भी मृत्यु नहीं हुई। हेमंत सोरेन कितना गिरेंगे। अगर सब कुछ ठीक है तो हेमंत इसकी जांच सीबीआई से कराएं। मैं सुबह 26 हजार अनुबंधित टीचरों को रेगुलर करके यहां आया हूं। 

11 दिनों तक मरने वालों के आंकड़े छिपाए रखी सरकार

जाहिर है उत्पाद सिपाही के दौड़ में आज एक और युवक की मौत हो गई है। जिससे छात्रों की मौत का आकड़ा 12 तक पहुंच गया है लेकिन दुख की बात यह है कि इतने छात्रों की मौत की जहाँ तत्काल जाँच होनी चाहिए और दोषियों पर करवाई होनी चाहिए। वहां सरकार ने 11 दिनों तक मरने वालों के आंकड़े को छिपाए रखा। खबर यह भी है जब 28 अगस्त को छात्रों की मौत का मामला सामने आया तब उस दिन झारखण्ड सरकार की ओर से चार-चार एग्जाम कंडक्ट कराए जा रहे थे। जिस कारण फिजिकल एग्जाम सेंटर्स पर अव्यवस्था थी।

(झारखंड से मुकेश सिन्हा की रिपोर्ट)

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