ऐसे जानें बच्चें को थैलेसीमिया तो नहीं: डॉ. ईशा कौल ने थैलेसीमिया के लक्षण के बारे में कहा, "जन्म के पांच महीने के बाद यदि माता-पिता को ऐसा महसूस हो कि शिशु के नाखून और जीभ पीले हो रहे हैं, बच्चे के जबड़े और गाल असामान्य हो गए हैं, शिशु का विकास रुकने लगा है, वह अपनी उम्र से काफी छोटा नजर आने लगे, चेहरा सूखा हुआ रहे, वजन न बढ़े, हमेशा कमजोर और बीमार रहे, सांस लेने में तकलीफ हो और पीलिया या जॉइंडिस का भ्रम हो तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ये लक्षण थैलेसीमिया के भी हो सकते हैं। यदि जांच के बाद थैलेसीमिया की पुष्टि हुई तो बोन मेरो ट्रांसप्लांट द्वारा शिशु के जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है।"
करें शादी से पहले कुंडली का मिलान: चिकित्सक द्वय ने यह भी कहा, "हमारे समाज में जिस तरह कैंसर, लिवर या किडनी आदि से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ी है, उसकी अपेक्षा थैलेसीमिया को लेकर समाज में जानकारी की बहुत कमी है। अज्ञानता का बहुत ही गंभीर परिणाम वर-वधु को झेलना पड़ जाता है। इसलिए प्रत्येक माता-पिता को शादी से पूर्व वर-वधु की स्वास्थ्य कुंडली का मिलान करना चाहिए। इसके साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु की सही समय पर जांच करानी चाहिए। यदि गर्भ में पल रहे शिशु को थैलेसीमिया होता है तो सही समय पर गर्भपात कराना चाहिए।"