Friday, March 29, 2024
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Pitru Paksha 2020: जानें कौन-कौन लोग कर सकते हैं श्राद्ध

पितृ पक्ष 1 सितंबर से 17 सितंबर तक है। इस दौरान पूर्वजों का तर्पण किया जाता है। जानिए किन लोगों को करने का है श्राद्ध करने का अधिकार।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 31, 2020 22:57 IST
Pitru Paksha 2020: जानें बेटा न हो तो कौन-कौन लोग कर सकते हैं श्राद्ध- India TV Hindi
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पितृ पक्ष 1 सितंबर से 17 सितंबर तक है। इस दौरान पूर्वजों का तर्पण किया जाता है।  जिन लोगों का स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हुआ हो, उन लोगों का श्राद्ध 1 सिंतबर के दिन किया जायेगा। जिन लोगों को अपने पितरों की तिथि याद न हो, वे लोग पितृपक्ष की अमावस्या को श्राद्ध-कर्म कर सकते हैं। इस तरह श्राद्ध करने से आपको विशेष फल तो प्राप्त होंगे ही, साथ ही आपको पितृदोष से भी छुटकारा मिलेगा।

दरअसल शास्त्रों में पितृदोष को सबसे बड़ा दोष माना गया है । कुण्डली का नौंवा घर धर्म और पिता का होता है । यदि इस घर में राहु, केतु और मंगल अपनी नीच राशि में बैठे हैं, तो यह आपकी कुंडली में पितृदोष होने का संकेत है। पितृदोष के कारण मानसिक पीड़ा, अशांति, धन की हानि, गृह-क्लेश जैसी परेशानियां होती  है। पिण्डदान और श्राद्ध नहीं करने वालों के साथ-साथ पितृदोष उनकी संतान की कुण्डली में भी बनता है और अगले जन्म में वह भी पितृदोष से पीड़ित होता है, लेकिन श्राद्ध  कार्य करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही आपका भाग्योदय होता है। जानिए श्राद्ध करने का अधिकार किसे-किसे है। 

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कौन-कौन लोग कर सकते हैं श्राद्ध

  • अगर किसी को अपने माता-पिता का श्राद्ध करना है तो पहला अधिकार बड़े बेटे का है। अगर वो नहीं हैं तो छोटा बेटा श्राद्ध कर सकता है। 
  • अगर भाई अलग-अलग रहते हैं तो सभी को अलग-अलग पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। 
  • अगर किसी के कोई पुत्र नहीं हैं तो पौत्र या प्रपौत्र भी श्राद्ध कर सकता हैं।
  • अगर किसी व्यक्ति की शादी नहीं हुई हैं तो ऐसे में मां या बहन श्राद्ध कर सकती हैं। 
  • अगर बेटा नहीं हैं तो बेटे की पत्नी भी श्राद्ध कर सकती हैं। 

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  • अगर विधवा स्त्री के कुल में कोई नहीं हैं तो वह भी अपने पितरों का श्राद्ध कर सकती हैं। 
  • बेटी के पुत्र ही श्राद्ध कर सकते हैं। अगर कोई भी नहीं हैं तो भाई-भतीजे के बेटे भी श्राद्ध कर सकते हैं। 
  • अगर घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं हैं तो पुत्री का कुल के लोग भी श्राद्ध कर सकते हैं। 

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