Sunday, May 05, 2024
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Cryptocurrency Fraud: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर सावधान! 40 करोड़ की ठगी में अबतक 11 गिरफ्तार

अधिकारी ने कहा, ''उन्होंने 2017 और 2021 के बीच धोखाधड़ी से अपने खातों में पैसे ट्रांसफर किये, निवेश के मूल्य में लगातार वृद्धि दिखाने के लिए कंपनी की वेबसाइट में हेरफेर किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी में क्रिप्टोकरेंसी निवेश पर एक सेमिनार भी आयोजित किया था।'' 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 20, 2022 21:50 IST
Cryptocurrency Fraud- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Cryptocurrency Fraud

Highlights

  • क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया
  • 2,000 निवेशकों से 40 करोड़ रुपये की ठगी हुई

नागपुर: क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी (cryptocurrency fraud) को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। नागपुर में क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के एक मामले में 2,000 निवेशकों से 40 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में रविवार को 7 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसके बाद गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 11 हो गई है। पुलिस ने यह जानकारी दी। एक दिन पहले इस मामले में मुख्य आरोपी, उसकी पत्नी और दो साथियों को पुणे के लोनावाला से गिफ्तार किया गया था। 

एक अधिकारी ने कहा कि मुख्य आरोपी निशिद वासनिक लोगों को अपनी शानदार जीवन शैली दिखाकर एक कंपनी में निवेश करने के लिए झांसा दे रहा था। अधिकारी ने कहा, ''उन्होंने 2017 और 2021 के बीच धोखाधड़ी से अपने खातों में पैसे ट्रांसफर किये, निवेश के मूल्य में लगातार वृद्धि दिखाने के लिए कंपनी की वेबसाइट में हेरफेर किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के पंचमढ़ी में क्रिप्टोकरेंसी निवेश पर एक सेमिनार भी आयोजित किया था।'' 

वासनिक पिछले साल मार्च में निवेशकों को मंझधार में छोड़ कर छिप गया था। शनिवार को पुणे जिले से उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि यशोधरा नगर पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किए गए सात लोगों सहित सभी 11 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

क्रिप्टोकरेंसी के मामले में दिल्ली पुलिस भी की थी कार्रवाई

बीते महीने जनवरी में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट ने घोटालेबाजों के एक समूह को पकड़ने का दावा किया था। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने दिल्ली के एक व्यवसायी से क्रिप्टोकरेंसी चुराई थी और अमाउंट को फिलिस्तीनी संगठन हमास की सैन्य शाखा अल-कसम ब्रिगेड के वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया था। फ्रॉड करके बिटकॉइन, ईथर और कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी के रूप में डिजिटल मुद्रा शामिल थी, को ट्रांसफर किया गया था। व्यवसायी द्वारा 2019 में पश्चिम विहार के एक पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट की गई थी। जांच के दौरान पता चला कि करीब 6.7 बिटकॉइन, 9.79 ईथर और 2.44 बिटकॉइन कैश तीन खातों में ट्रांसफर किया गया। दो बिटकॉइन को छह खातों में स्थानांतरित किया गया था, जिसमें 'अल-क़सम ब्रिगेड' नाम के एक वॉलेट भी शामिल थे।

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