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चीन से पाकिस्तान जा रही शिप को मुंबई बंदरगाह पर रोका, परमाणु मिसाइल से जुड़ी खेप होने का संदेह

बंदरगाह के अधिकारियों ने गुप्त सूचना देकर भारतीय रक्षा अधिकारियों को सतर्क किया जिन्होंने खेप का निरीक्षण किया और अपने संदेह की सूचना दी। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद खेप जब्त कर ली गई।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Mar 02, 2024 18:31 IST, Updated : Mar 02, 2024 18:35 IST
मुंबई बंदरगाह पर रोकी...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मुंबई बंदरगाह पर रोकी गई खेप

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चीन से कराची जा रहे एक जहाज को इस संदेह में मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर रोक दिया कि इसमें दोहरे उपयोग वाली खेप थी जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए किया जा सकता था। ऐसी सूचना है कि इस शिप में कुछ ऐसे संदिग्ध सामान मिले जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए किया जा सकता था। शनिवार को यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

शिप में मिली कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल मशीन

सीमा शुल्क अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर, 23 जनवरी को कराची जा रहे माल्टा का ध्वज लगे व्यापारी जहाज ‘सीएमए सीजीएम अत्तिला’ को बंदरगाह पर रोका और खेप का निरीक्षण किया, जिसमें एक कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (CNC) मशीन भी शामिल थी, जो मूल रूप से एक इतालवी कंपनी की बनाई हुई थी। सीएनसी मशीनें मूल रूप से एक कंप्यूटर से चलती हैं। ये दक्षता, स्थिरता और सटीकता का ऐसा पैमाना तैयार करती हैं जो मैन्युअल रूप से संभव नहीं है।

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में इस्तेमाल होने का था संदेह

विशेषज्ञों के अनुसार, यह उपकरण पाकिस्तान के मिसाइल विकास कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण भागों के निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकता था। वर्ष 1996 से, सीएनसी मशीनों को ‘वासेनार व्यवस्था’ में शामिल किया गया है। वासेनार एक अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण व्यवस्था है जिसका उद्देश्य नागरिक व सैन्य दोनों उपयोगों वाले उपकरणों के प्रसार को रोकना है। भारत उन 42 सदस्य देशों में से एक है जो पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं व प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। सीएनसी मशीन का उपयोग उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु कार्यक्रम में किया था।

सूत्रों ने बताया कि वेसल का नाम CMA CGM Attila जो को पाकिस्तान स्थित कराची जा रहा था उसे न्हावा शावा पोर्ट पर DRI ने 23 जनवरी को रोक लिया था, इसके बाद 24 जनवरी को वेसल से कंटेनर को उतार किया गया और वेसल को जाने दिया गया।  16 फरवरी के दिन हैदराबाद से DRDL को टिम ने कंटेनर को खोला और उन कंटेनर में मौजूद सामान की जांच शुरू कर दी। सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक जांच के दौरान पता चला है कि कार्गो में हाईटेक CNC लेथ मशीन थी, जिसका इस्तेमाल डिफेंड और स्पेस में उपयोग होने वाले हाय प्रेसिशन टूल्स बनाने के लिए भी किया जा सकता है। कार्गो को फिलहाल न्हावा शेवा पोर्ट पर रोक कर रखा गया है।

भारतीय रक्षा अधिकारियों जांच में किया खुलासा

बंदरगाह के अधिकारियों ने गुप्त सूचना देकर भारतीय रक्षा अधिकारियों को सतर्क किया जिन्होंने खेप का निरीक्षण किया और अपने संदेह की सूचना दी। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद खेप जब्त कर ली गई। अधिकारियों ने बताया कि बिल और अन्य विवरण जैसे दस्तावेजों के अनुसार "शंघाई जेएक्सई ग्लोबल लॉजिस्टिक्स कंपनी लिमिटेड" ने सियालकोट की "पाकिस्तान विंग्स प्राइवेट लिमिटेड" को यह खेप भेजी थी।

हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों की गहन जांच में पता चला है कि 22,180 किलोग्राम वजन की यह खेप ताइयुआन माइनिंग इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी लिमिटेड ने पाकिस्तान में कॉसमॉस इंजीनियरिंग के लिए भेजी गई थी। पाकिस्तानी रक्षा आपूर्तिकर्ता कॉसमॉस इंजीनियरिंग 12 मार्च, 2022 से निगरानी सूची में है, जब भारतीय अधिकारियों ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर इटली में निर्मित थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरणों की एक खेप को रोक दिया था। (भाषा)

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