नयी दिल्ली। इन दिनों ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है। कई कंपनियां कुछ दिनों के लिए प्रॉडक्शन पर रोक लगा चुकी हैं तो कई लोगों की नौकरियां भी खतरे में हैं। देश में लगातार दसवें महीने अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है। भारतीय आटोमोबाइल विनिर्माता सोसायटी (सियाम) के आंकड़ों के मुताबिक ऑटो सेक्टर अपने 20 साल की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है।
इसी क्रम में अब महिंद्रा एंड महिंद्रा ने मौजूदा तिमाही में अपने वाहन कारखानों में आठ से 17 दिन तक उत्पादन बंद रखने की घोषणा की है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि बिक्री का उत्पादन के साथ समायोजन करने के लिए वह यह कदम उठा रही है। इससे पहले कंपनी ने अगस्त में कहा था कि वह जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान अपने विभिन्न कारखानों में उत्पादन 8 से 14 दिन तक बंद करेगी।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि उसने तिमाही के दौरान तीन दिन अतिरिक्त उत्पादन स्थगित रखने का फैसला किया है। इससे पहले 9 अगस्त, 2019 को कंपनी ने विभिन्न कारखानों में उत्पादन 14 दिन तक बंद रखने की घोषणा की थी। घरेलू वाहन कंपनी ने इसके साथ ही कहा कि वह इस महीने के अंत तक कृषि उपकरण क्षेत्र में एक से तीन दिन तक उत्पादन बंद रखेगी।
कंपनी ने कहा कि वाहनों का पर्याप्त भंडार होने की वजह से प्रबंधन को ऐसा नहीं लगता कि इससे बाजार में उसके वाहनों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा। इससे पहले इसी सप्ताह हिंदुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड ने कमजोर मांग की वजह से अपने विभिन्न विनिर्माण कारखानों में उत्पादन 16 दिन तक बंद रखने की घोषणा की थी।
बता दें कि कंपनी के एमडी पवन गोयनका ने कुछ दिन पहले चेतावनी दी थी कि अगर डिमांड में सुधार नहीं हुआ तो नौकरियां जा सकती हैं। गोयनका ने त्योहारों का सीजन शुरू होन से पहले जीएसटी में कटौती की भी मांग की थी ताकि डिमांड में इजाफा हो सके।
ऑटो सेक्टर में मंदी का असर सिर्फ महिंद्रा एंड महिंद्रा पर ही नहीं बल्कि अन्य बड़ी कार निर्माता कंपनियों पर भी पड़ा है। टाटा मोटर्स भी ऐलान कर चुकी है कि वह अपने पुणे स्थित प्लांट में सितंबर के पहले हफ्ते में कामकाज बंद रखेगी। वहीं, अप्रैल से जून की तिमाही में Maruti Suzuki, Toyota, Honda और Tata मोटर्स जैसी कंपनियों ने 7-18 प्रतिशत प्रोडक्शन में कमी की थी।