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इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक RBI की कमजोर बैंकों की निगरानी सूची से निकले बाहर, कर्ज देने पर लगी पाबंदी हटी

सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक तथा देना बैंक अब भी पीसीए रूपरेखा के दायरे में बने हुए हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : February 26, 2019 20:44 IST
public sector bank- India TV Paisa
Photo:PUBLIC SECTOR BANK

public sector bank

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों इलाहाबाद बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक को कमजोर बैंकों की निगरानी सूची से बाहर कर दिया है। इसके साथ इन बैंकों पर आगे बढ़कर कर्ज देने समेत अन्य पाबंदियां हट गई हैं। निजी क्षेत्र के धनलक्ष्मी बैंक को भी तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा दायरे से बाहर कर दिया गया है। 

इससे पहले, 31 जनवरी को बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र तथा ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पीसीए रूपरेखा से बाहर किया गया था। एक बयान में आरबीआई ने कहा कि वित्तीय निगरानी बोर्ड (बीएफएस) ने पीसीए के तहत बैंकों के कामकाज की समीक्षा की और तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत रखे गए कुछ बैंकों समेत विभिन्न बैंकों में 21 फरवरी को डाली गई नकदी पर गौर किया। 

इस नकदी में से इलाहाबाद बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक को क्रमश: 6,896 करोड़ रुपए तथा 9,086 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि पूंजी मिलने से इन बैंकों का पूंजी कोष तथा कर्ज नुकसान के समक्ष प्रावधान बढ़ेगा, जिससे पीसीए मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके। आरबीआई ने कहा कि बीएफएस ने 31 जनवरी 2019 को हुई बैठक में जिन सिद्धांतों को अपनाया था, उसके आधार पर 26 फरवरी 2019 की बैठक में इलाहाबाद बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक को पीसीए रूपरेखा से बाहर करने का फैसला किया गया। यह कुछ शर्तों तथा निरंतर निगरानी पर निर्भर है।  

कॉरपोरेशन बैंक का सकल फंसा कर्ज (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) दिसंबर अंत में कुल कर्ज का 17.36 प्रतिशत था, जो एक साल पहले इसी महीने में 15.92 प्रतिशत था। वहीं इलाहाबाद बैंक का सकल एनपीए दिसंबर 2018 में 17.81 प्रतिशत पहुंच गया था, जो एक साल पहले इसी महीने में 14.38 प्रतिशत पर था। 

रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने धनलक्ष्मी बैंक को भी पीसीए रूपरेखा के दायरे बाहर करने का फैसला किया है। यह कुछ शर्तों और निरंतर निगरानी पर निर्भर है। बैंक को पीसीए रूपरेखा की जोखिम सीमा का पालन करने को देखते हुए यह कदम उठाया गया। 

सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक तथा देना बैंक अब भी पीसीए रूपरेखा के दायरे में बने हुए हैं। इसके अंतर्गत आने वाले बैंकों पर कर्ज देने पर पाबंदी समेत अन्य प्रतिबंध लग जाते हैं। 

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