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त्योहारी सीजन में मिलेंगी सस्ती दालें, सरकार ने बफर स्टॉक को बढ़ाकर किया 20 लाख टन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दालों के बफर स्टॉक को 8 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन करने का फैसला किया है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: September 12, 2016 14:51 IST
Big Relief: त्योहारी सीजन में मिलेंगी सस्ती दालें, सरकार ने बफर स्टॉक को बढ़ाकर किया 20 लाख टन- India TV Paisa
Big Relief: त्योहारी सीजन में मिलेंगी सस्ती दालें, सरकार ने बफर स्टॉक को बढ़ाकर किया 20 लाख टन

नई दिल्ली। त्योहारी सीजन में लोगों सस्ती दाल उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में दालों के बफर स्टॉक को 8 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन करने का फैसला किया है। वहीं दाल का बफर स्टॉक 10-10 लाख टन की घरेलू खरीद और आयात के जरिए बनाया जाएगा। देश में दालों की उपलब्धता बढ़ने से त्योहारी सीजन में कीमतें और गिरने की संभावना है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उपभोक्ता मामलों के विभाग के बफर स्टॉक को बढ़ाकर 20 लाख टन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बफर स्टॉक घरेलू 10 लाख टन की घरेलू खरीद और 10 लाख टन के आयात के जरिए बनाया जाएगा। इसके लिए धन विभाग की मूल्य स्थरीकरण कोष योजना से उपलब्ध कराया जाएगा। बयान में कहा गया है कि इससे दलहन कीमतों में स्थिरता लाई जा सकेगी और घरेलू किसानों को दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

अभी भी चुकानी पकड़ रही है ज्यादा कीमत

बीते छह महीने के दौरान दिल्ली के थोक बाजार में अरहर दाल की कीमत में 30 फीसदी गिरावट आई है। लेकिन खुदरा बाजार में अरहर की कीमत सिर्फ 16 फीसदी घटी है। रिटेल के दाम ज्यादा होने की वजह दुकानदारों की मनमानी है। हाल में दाल के थोक व्यापारियों ने सरकार के सामने अपना पक्ष भी रखा। उपभोक्ता मामलों ने मंत्रालय से मिलकर बताया कि दाल की बढ़ती कीमत के लिए वो जिम्मेदार नहीं हैं और सरकार को छोटे दुकानदारों की लगाम कसनी चाहिए। वैसे तो हर दुकानदार सामान पर कुछ मार्जिन यानी अपना मुनाफा वसूलता है, लेकिन खाने-पीने की चीजों को देखें तो दालों के मामले में ये मार्जिन कुछ ज्यादा ही है। रिपोर्ट के मुताबिक 31 अगस्त को दिल्ली में खुदरा व्यापारी अरहर दाल को 35.6 फीसदी के मुनाफे पर बेच रहे थे। यानि अगर अरहर दाल की कीमत थोक बाजार में 100 रुपए प्रति किलो थी तो आपको घर में 135-140 रुपए की बेची जा रही थी।

सरकार ने किए हैं 1.76 लाख टन दाल इंपोर्ट के सौदे

लगातार कई साल से देश में दाल की कमी को दूर करने के लिए सरकार दाल इंपोर्ट कर रही है। इस साल भी दालों की कमी के कारण ही दालों के भाव 200 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए। इस साल अप्रैल से अब तक की बात करें तो सरकार और प्राइवेट कंपनियां लाखों टन दालों का इंपोर्ट के सौदे कर चुके हैं। इनमें से सरकार ने एमएमटीसी के माध्‍यम से 1.76 लाख टन दालों के इंपोर्ट के सौदे किए थे। इनमें से लगभग 40 हजार टन दालें मुंबई के जेएनपीटी बंदरगाह और चेन्‍नई के बंदरगाह पर आ चुकी हैं। इस दाल को विभिन्‍न राज्‍य सरकारों को दिया जाना था ताकि देश में महंगी हुई दाल से लोगों को राहत दिलाई जा सके।

104 की दाल 66 में भी खरीदने को तैयार नहीं

केंद्रीय नागरिक एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी ने बताया कि इनमें से लगभग 36 हजार टन दालें विभिन्‍न देशों से 104 रुपए प्रति किलोग्राम के औसत भाव से आकर मुंबई और चेन्‍नई पोर्ट तक आई हैं। ऐसे में सरकार ने राज्‍यों से 66 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से अरहर और 82 रुपए प्रति‍किलोग्राम की दर से उड़द के लिए आवेदन मंगाए थे। लेकिन, केवल 5 राज्‍यों आंध्र प्रदेश, राजस्‍थान, महाराष्‍ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु राज्‍यों ने सिर्फ 7 हजार टन दाल ही पोर्ट से उठाई। इसके बाद अब चूंकि देश में बंपर फसल के आसार हैं तो दाल के भाव भी कम हो गए हैं। ऐसे में किसी भी राज्‍य ने अब रूचि दिखाना बंद कर दिया है।

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