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क्रूड की बढ़ती कीमत से चालू खाता घाटा मार्च 2022 तक बढ़कर 45 अरब डॉलर संभव: रिपोर्ट

एक अनुमान के मुताबिक वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में प्रति बैरल 10 अमरीकी डालर की बढोतरी से व्यापार घाटा 12 अरब डालर या सकल घरेलू उत्पाद के 35 बेस प्वाइंट तक बढ़ेगा

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 11, 2021 14:48 IST
महंगे क्रूड से बढ़ेगा...- India TV Paisa
Photo:PIXABAY

महंगे क्रूड से बढ़ेगा चालू खाते का घाटा

नई दिल्ली। कच्चे तेल की वजह से कमोडिटी की कीमतों में भारी उछाल से भारत के बढ़ते चालू खाता घाटे (सीएडी) का अर्थव्यवस्था की रिकवरी पर असर पड़ेगा। एक ब्रोकरेज कंपनी की रिपोर्ट में यह आशंका जताई गयी है। रिपोर्ट में कंपनी ने मार्च 2022 तक सीएडी 45 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है। 

ब्रिटिश ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज की रिपोर्ट के मुताबिक, चिंता इस बात से पैदा होती है कि जुलाई के बाद से व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि जून तक औसत मासिक व्यापार घाटा 12 अरब डॉलर था जो जुलाई-अक्टूबर में बढ़कर 16.8 अरब डॉलर हो गया। सितंबर में अब तक का सबसे ज्यादा व्यापार घाटा हुआ जो 22.6 अरब डॉलर है। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हम अपने वित्त वर्ष 2021-22 के चालू खाता घाटे के अनुमान को पूर्व के 35 अरब डॉलर के अनुमान से बढ़ाकर 45 अरब डॉलर, या जीडीपी के 1.4 प्रतिशत तक बढ़ा रहे हैं, लेकिन भुगतान संतुलन (बीओपी) का बड़ा अधिशेष सकारात्मक बना हुआ है।" 

एक अनुमान के मुताबिक वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में प्रति बैरल 10 अमरीकी डालर की बढोतरी से व्यापार घाटा 12 अरब डालर या सकल घरेलू उत्पाद के 35 बेस प्वाइंट तक बढ़ जाएगा, क्योंकि तेल की मांग का लगभग 85 प्रतिशत आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है, और मौजूदा ऊंचे कच्चे तेल की कीमतों को देखते हुए, ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2012 के लिए अपने चालू खाते के घाटे के अनुमान को 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया है, जो पहले 35 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। ब्रोकरेज हाउस ने हालांकि किसी भी आपात स्थिति से इनकार किया और कहा है कि रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे विदेशी भंडार के साथ हमे अर्थव्यवस्खा के लिये कोई बड़ा जोखिम नहीं दिखता। रिपोर्ट में आशंका जताई गयी है कि मांग में सुधार और बढ़ती कमोडिटी कीमतों के मेल से कुछ समय के लिए घाटा बढ़ने की प्रवृत्ति जारी रह सकती है।

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