नई दिल्ली। आज मोदी सरकार के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई, जब देश का विदेशी पूंजी भंडार इतिहास के उच्चतम शिखर पर पहुंच गया। यह पहली बार ही हुआ है कि देश का विदेशी पूंजी भंडार लगातार बढ़ते हुए अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 411.124 अरब डॉलर पर पहुंचा है। इसका श्रेय मोदी सरकार की नीतियों को जाता है, जिन्होंने विदेशी निवेशकों और विदेशी निवेश दोनों को आकर्षित करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आज जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 5 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 1.758 अरब डॉलर बढ़कर 411.124 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 26,067.1 अरब रुपए के बराबर है। इससे पहले हफ्ते में विदेशी पूंजी भंडार 4.44 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 409.366 अरब डॉलर हो गया था। विदेशी पूंजी भंडार ने 8 सितंबर 2017 को सबसे पहले 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था।
केंद्रीय बैंक के मुताबिक विदेशी पूंजी भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफएसी) आलोच्य सप्ताह में 2.04 अरब डॉलर बढ़कर 387.14 अरब डॉलर हो गईं, जो 24,536.3 अरब रुपए के बराबर है। बैंक के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है और इस पर भंडार में मौजूद गैर डॉलर मुद्राओं जैसे पाउंड, स्टर्लिंग, येन के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है।
आलोच्य अवधि में देश का स्वर्ण भंडार 29.44 करोड़ डॉलर घटकर 20.42 अरब डॉलर हो गया, जो 1,305.5 अरब रुपए के बराबर है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ देश के विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) का मूल्य 89 लाख डॉलर बढ़कर 1.51 अरब डॉलर हो गया, जो 96.6 अरब रुपए के बराबर है। आईएमएफ में देश के मौजूदा भंडार का मूल्य 32 लाख डॉलर बढ़कर 1.51 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो 129.3 अरब रुपए के बराबर है।