Saturday, April 27, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारत की वृद्धि दर बढाने के लिए जीएसटी, श्रम, भूमि क्षेत्र में सुधार जरूरी: मुद्राकोष

भारत की वृद्धि दर बढाने के लिए जीएसटी, श्रम, भूमि क्षेत्र में सुधार जरूरी: मुद्राकोष

आईएमएफ ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं में सुधार के लिए जीएसटी लागू करने के साथ साथ जमीन और श्रम क्षेत्र में सुधार जरूरी है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: May 03, 2016 21:45 IST
भारत की वृद्धि दर बढ़ाने के लिए GST, श्रम और भूमि क्षेत्र में सुधार है बहुत जरूरी: IMF- India TV Paisa
भारत की वृद्धि दर बढ़ाने के लिए GST, श्रम और भूमि क्षेत्र में सुधार है बहुत जरूरी: IMF

सिंगापुर। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं में सुधार के लिए जीएसटी लागू करने के साथ-साथ जमीन और श्रम क्षेत्र में सुधार जरूरी है। मुद्राकोष ने इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 7.5 फीसदी रहने के अपने पहले के अनुमान को बनाए रखा है और उसका कहना है कि वृद्धि को मुख्यत: निजी उपभोग से मदद मिलेगी पर निर्यात कारोबार की कमजोरी और ऋण विस्तार में नरमी का वृद्धि पर असर होगा।

मुद्राकोष के एशिया एवं प्रशांत विभाग में क्षेत्रीय अध्ययन प्रभाग के प्रमुख रानिल मनोहर सालगादो ने कहा, भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावना अनुकूल है। बुनियादी सुधारों के न होने पर भी चालू वित्त वर्ष में देश की वृद्धि 7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। सालगादो ने ई-मेल से भेजे गए सवालों के जवाब में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की संभावनाएं अच्छी हैं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे बुनियादी सुधारों को प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है। गौरतलब है कि जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक संसद में अटका है। उन्होंने कहा, बावजूद इसके, जीएसटी को प्राथमिकता देने की जरूरत है क्योंकि इससे एकल बाजार का विकास होगा, देश के अंदर वस्तुओं और सेवाओं का प्रवाह सहज होगा तथा जीडीपी वद्धि को और बल मिलेगा। उन्होंने बिजली, भूमि अधिग्रहण, श्रम और कारोबार के नियम आसान बनाने जैसे क्षेत्रों में सुधार को भी आर्थिक वृद्धि से महत्वपूर्ण बताया।

सालगादो ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से देश में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) गति पकड़ रहा है। 2015 में कुल एफडीआई बढकर 44 अरब डॉलर रहा जो जीडपी के 2.1 प्रतिशत के बराबर है। इससे पिछले साल एफडीआई 34 अरब डॉलर (1.7 अरब डॉलर) था। उन्होंने कहा कि विनिर्माता क्षेत्र में एफडीआई आकर्षित करने और मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए कारोबार के लिए और अनुकूल वातावरण जरूरी है।

यह भी पढ़ें- IMF ने भारत की वृद्धि का अनुमान 7.5 फीसदी पर रखा बरकरार, निजी उपभोग बढ़ने से होगा फायदा

यह भी पढ़ें- आईबीआरडी, आईएफसी में विकासशील देशों का कोटा 50 फीसदी हो: जेटली

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement