Thursday, March 28, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. इंडियाबुल्स पर बड़ी कार्रवाई, सेबी ने कंपनी के अधिकारियों पर कुल 1.05 करोड़ का जुर्माना लगाया

इंडियाबुल्स पर बड़ी कार्रवाई, सेबी ने कंपनी के अधिकारियों पर कुल 1.05 करोड़ का जुर्माना लगाया

बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को इंडियाबुल्स वेंचर और उससे जुड़े कुछ व्यक्तियों पर बाजार नियमों का उल्लघंन करने के मामले में शुक्रवार को कुल 1.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 22, 2021 10:56 IST
इंडियाबुल्स पर बड़ी...- India TV Paisa
Photo:FILE

इंडियाबुल्स पर बड़ी कार्रवाई, सेबी ने कंपनी के अधिकारियों पर कुल 1.05 करोड़ का जुर्माना लगाया 

नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को इंडियाबुल्स वेंचर और उससे जुड़े कुछ व्यक्तियों पर बाजार नियमों का उल्लघंन करने के मामले में शुक्रवार को कुल 1.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। कंपनी फिलहाल धानी सर्विसेज के नाम से काम कर रही है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इंडियाबुल्स की पूर्व गैर-कार्यकारी निदेशक पिया जॉनसन उनके पति मेहुल जॉनसन पर भेदिया कारोबार निषेध (पीआईटी) नियमों का उल्लंघन करने पर 25-25 लाख का जुर्माना लगाया है। 

नियामक ने मूल्य संबंधी अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी जारी करने की अवधि के दौरान इस शेयर का कारोबार करने के मामले में उन पर यह जुर्माना लगाया है। पिया और मेहुल ने इससे 69.09 लाख रुपये का सामूहिक लाभ कमाया था। सेबी के अनुसार इस मामले की जांच जनवरी-नवंबर 2017 के बीच की गई। एक अन्य आदेश में सेबी ने इंडियाबुल्स वेंचर पर संबंधित अवधि में बाजार में शेयर की खरीद फरोख्त पर रोक की सूचना जारी न करने के लिए पचास लाख रुपये और उसके सचिव ललित शर्मा पर बाजार को कारोबार बंद रखने की निगरानी नहीं करने को लेकर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। 

पढ़ें- भारतीय कंपनी Detel ने पेश किया सस्ता इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, जबर्दस्त हैं खूबियां

पढ़ें- शहर में भी लागू हो मनरेगा, मोदी सरकार को अर्थशास्त्री जयां द्रेज का सुझाव

निजी गारंटर के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगे बैंक

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र की उस अधिसूचना की वैधता को बरकरार रखा, जिसमें बैंकों को दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत ऋण वसूली के लिए व्यक्तिगत गारंटरों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति दी गई थी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि आईबीसी के तहत समाधान योजना की मंजूरी से बैंकों के प्रति व्यक्तिगत गारंटरों की देनदारी खत्म नहीं हो जाती। 

पढें-  बैंक के OTP के नाम हो रहा है फ्रॉड, खाली हो सकता है अकाउंट, ऐसे रहे सावधान

पढें-  SBI में सिर्फ आधार की मदद से घर बैठे खोलें अकाउंट, ये रहा पूरा प्रोसेस

पढें-  Amazon के नए 'लोगो' में दिखाई दी हिटलर की झलक, हुई फजीहत तो किया बदलाव

न्यायमूर्ति भट ने फैसले के निष्कर्ष को पढ़ते हुए कहा, ‘‘फैसले में हमने अधिसूचना को बरकरार रखा है।’’ याचिकाकर्ताओं ने आईबीसी और अन्य प्रावधानों के तहत जारी 15 नवंबर 2019 की अधिसूचना को चुनौती दी थी, जो कॉरपोरेट देनदारों को व्यक्तिगत गारंटी देने वालों से संबंधित हैं। अधिसूचना की वैधता को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी कंपनी के लिए दिवालिया समाधान योजना शुरू होने से व्यक्तियों द्वारा वित्तीय संस्थानों के बकाया भुगतान के प्रति दी गई कॉरपोरेट गारंटी खत्म नहीं होती। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement