Sunday, May 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. नीति आयोग ने दिया 44 केंद्रीय उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने का सुझाव, 76 को फि‍र किया जा सकता है चालू

नीति आयोग ने दिया 44 केंद्रीय उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने का सुझाव, 76 को फि‍र किया जा सकता है चालू

नीति आयोग ने 44 सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी बेच कर उनका नियंत्रण चुनिंदा निजी भागीदारों को सौंपने की सिफारिश की है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: September 07, 2016 15:44 IST
नीति आयोग ने दिया 44 केंद्रीय उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने का सुझाव, 76 को फि‍र किया जा सकता है चालू- India TV Paisa
नीति आयोग ने दिया 44 केंद्रीय उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने का सुझाव, 76 को फि‍र किया जा सकता है चालू

नई दिल्ली। नीति आयोग ने 44 सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी बेच कर उनका नियंत्रण चुनिंदा निजी भागीदारों को सौंपने की सिफारिश की है। रणनीतिक बिक्री में सरकारी हिस्सेदारी घटा कर 50 फीसदी से नीचे लाई जाती है।

नीति आयोग द्वारा केंद्रीय उपक्रमों के विनिवेश के बारे में सरकार को दी गई रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है। सरकार ने आयोग को मुनाफे और नुकसान में चल रही इकाइयों तथा बीमार उपक्रमों की हिस्सेदारी के विनिवेश के तरीके सुझाने का जिम्मा दिया था। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अमिताभ कांत ने यहां संवाददाताओं से कहा, लेकिन हमारे लिए यह निरंतर प्रक्रिया है इसलिए कंपनियों के दूसरे और तीसरे समूह पर विचार कर रहे हैं और फिर अपनी सिफारिश पेश करेंगे।

नीति आयोग तीन महीने में लाएगा राष्ट्रीय ऊर्जा नीति, प्रदूषण फैलाने वालों को चुकानी होगी कीमत

कांत ने कहा कि सिफारिशें बेहतर विस्तृत विश्लेषण और विवरणों पर आधारित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीति आयोग ने नुकसान में चल रही कंपनियों पर अलग रिपोर्ट पहले ही सौंप दी है। उन्होंने कहा कि 76 कंपनियां ऐसी हैं जिन्हें बहाल किया जा सकता है। कई ऐसी कंपनियां है जिन्हें बंद करना ही ठीक होगा और कुछ की रणनीतिक बिक्री (निजीकरण) करने की जरूरत है। वित्‍त वर्ष 2016-17 के आम बजट के मुताबिक सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के जरिए 56,500 करोड़ रुपए के संग्रह का लक्ष्य रखा है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement