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भारत की बादशाहत को झटका, साउथ एशिया में हॉटेस्‍ट इक्विटी मार्केट बना पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान के बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्‍स केएसई 100, एशिया का बेस्‍ट परफॉर्मिंग इंडेक्‍स के साथ ही दुनिया में पांचवें नंबर का बेस्‍ट परफॉर्मिंग इंडेक्‍स है।

Sachin Chaturvedi Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: July 21, 2016 15:50 IST
Surprise: भारत की बादशाहत को झटका, साउथ एशिया में हॉटेस्‍ट इक्विटी मार्केट बना पाकिस्‍तान- India TV Paisa
Surprise: भारत की बादशाहत को झटका, साउथ एशिया में हॉटेस्‍ट इक्विटी मार्केट बना पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली। ब्रिक्‍स समूह के देश फीके पड़े हैं और प्रमुख उभरते बाजार अपनी चमक खो रहे हैं। ब्रेक्जिट ने स्‍टॉक वर्ल्‍ड को हिला कर रख दिया है और सभी देशों की करेंसी कमजोर हैं। ऐसे समय में, ग्‍लोबल इक्विटी मार्केट्स के लिए कौन काम कर रहा है, यह जानकर शायद आप चौंक जाएंगे। यह है पाकिस्‍तान। हमेशा आतंकवाद और राजनीतिक संघर्ष के लिए खबरों में रहने वाला यह देश इस साल स्‍टॉक मार्केट परफॉर्मेंस के मामले में कई एशियन देशों को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गया है।

2016 में, पाकिस्‍तान के बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्‍स केएसई 100, एशिया का बेस्‍ट परफॉर्मिंग इंडेक्‍स बनकर उभरा है। पूरी दुनिया में यह पांचवें नंबर का बेस्‍ट परफॉर्मिंग स्‍टॉक इंडेक्‍स है। स्‍टॉक बाजार के रिटर्न को देखते हुए ब्‍लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में पाकिस्‍तान को एशिया का नया टाइगर तक कह डाला है। जून में, अमेरिकन स्‍टॉक इंडेक्‍स फर्म एमएससीआई ने केएसई 100 को अपने उभरते मार्केट इंडेक्‍स में शामिल किया है, जो दुनिया के मार्केट कैपिटालाइजेशन का 10 फीसदी हिस्‍सा है।

केएसई 100 की अन्‍य इंडेक्‍स के साथ ऐसे की गई तुलना

2016 की शुरुआत से 11 जुलाई तक भारत के एसएंडपी 100 इंडेक्‍स ने 6.67 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि केएसई 100 ने इस दौरान अपने निवेशकों को 17 फीसदी का रिटर्न दिया है। वैश्विक स्‍तर पर, केएसई 100 ने कई इंडेक्‍स को रिटर्न के मामले में पीछे छोड़ दिया है।

पाकिस्‍तान के स्‍टॉक मार्केट का उदय

कराची स्‍टॉक एक्‍सचेंज (केएसई), इसे पाकिस्‍तान स्‍टॉक एक्‍सचेंज के नाम से भी जाना जाता है, कुछ सालों से संकटग्रस्‍त राजनीति और सुरक्षा माहौल के बीच भी यह अपने अस्तित्‍व को बचाए हुए था, लेकिन इस पर लिस्‍टेड सभी कंपनियों में ट्रेड नहीं हो रहा था, 2014 में केवल 25 फीसदी कंपनियां ही सक्रिय तौर पर ट्रेड कर रही थीं। हाल ही में राजनीतिक और वित्‍तीय हालातों में सुधार ने पाकिस्‍तान के स्‍टॉक मार्केट को उबरने में भी मदद की है। इतना ही नहीं 2012 के सरकारी एमनेस्‍टी कार्यक्रम से भी इसे कुछ समर्थन मिला है, जिसने निवेशकों को जून 2014 तक शेयर मार्केट में धन के स्रोत को बताए बगैर निवेश की अनुमति दी। इसने केएसई पर औसत ट्रेडेड वॉल्‍यूम को डबल कर दिया।

कई बार बंद हुआ केएसई

1988 में शुरू हुए एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्‍स में पाकिस्‍तान को 1994 में शामिल किया गया था। स्‍टॉक मार्केट क्रैश होने की वजह से 2012 में केएसई को बंद करना पड़ा। छह साल बाद 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते इसे अस्‍थाई तौर पर बंद कर दिया गया। इस वजह से एमएससीआई ने पाकिस्‍तान को इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्‍स से इस साल तक बाहर रखा। समय बीतने के साथ ही निवेशकों का भरोसा दोबारा देश के इक्विटी मार्केट पर बढ़ने लगा।

निवेशकों के लिए क्‍यों है आकर्षक

आक्रामक सरकारी खर्च के साथ ही साथ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में निवेश ने पाकिस्‍तान मार्केट को निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है। इसमें राजनीति में आगे की स्थिरता से ही मदद मिलेगी। स्‍टेट बैंक ऑफ पाकिस्‍तान के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स के मेंबर जफर मसूद का कहना है कि सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति में सुधार के साथ ही इकोनॉमिक ग्रोथ भी बढ़ रही है। इतना ही नहीं चीन ने पाकिस्‍तान में बहुत बड़े निवेश की घोषणा की है। चीन के 46 अरब डॉलर निवेश वाले चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरीडोर पर काम शुरू हो चुका है, यह व्‍यापार को बढ़ावा देगा और बिजली जैसे प्रमुख इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर आसानी से लोगों और उद्योगों को उपलब्‍ध होंगे। इसके अलावा बढ़ते मध्‍यम वर्ग की वजह से ईंधन मांग भी बढ़ने का अनुमान है। पाकिस्‍तान की जीडीपी की विकास दर वित्‍त वर्ष 2014-15 में 4.2 फीसदी रही है। वित्‍त वर्ष 2015-16 में इसके 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।

मोर्गन स्‍टेनली में इमर्जिंग मार्केट्स के प्रमुख और चीफ ग्‍लोबल स्‍ट्रेटेजिस्‍ट रुचिर शर्मा ने अपनी किताब दि राइज एंड फॉल ऑफ नेशंस में लिखा है कि, पारंपरिक रूप से आर्थिक फि‍सड्डी तीन देश – बांग्‍लादेश, श्रीलंका और पाकिस्‍तान- साउथ एशिया की ग्रोथ में अपना योगदान दे रहे हैं। पाकिस्‍तान में इनफ्लेशन 3 फीसदी से नीचे है, सरकार का बजट घाटा जीडीपी के 8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर आ गया है और चालू खाते का घाटा भी जीडीपी के 1 फीसदी के बराबर है, जिसे शर्मा सुरक्षित जोन कहते हैं। पाकिस्‍तान के स्‍टॉक मार्केट में बूम आने में अब कोई आश्‍चर्य नहीं है।

Source: Quartz

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