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Huge investments: स्‍टार्टअप्‍स के लिए निवेशकों ने खोली झोली, 2015 में 8.4 अरब डॉलर का हुआ निवेश

साल 2015 में भारतीय स्‍टार्टअप्‍स के लिए कई मायनों में बेहतर रहा है। देशी और विदेशी निवेशकों ने स्‍टार्टअप्‍स के लिए अपनी झोली खोल दी।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: December 26, 2015 16:43 IST
Huge investments: स्‍टार्टअप्‍स के लिए निवेशकों ने खोली झोली, 2015 में 8.4 अरब डॉलर का हुआ निवेश- India TV Paisa
Huge investments: स्‍टार्टअप्‍स के लिए निवेशकों ने खोली झोली, 2015 में 8.4 अरब डॉलर का हुआ निवेश

मुंबई। साल 2015 में भारतीय स्‍टार्टअप्‍स के लिए कई मायनों में बेहतर रहा है। देशी और विदेशी निवेशकों ने स्‍टार्टअप्‍स के लिए अपनी झोली खोल दी। ई-कॉमर्स सहित इंटरनेट पर आधारित सभी नए स्‍टार्टअप्‍स में कुल मिलाकर 8.4 अरब डॉलर का निवेश हुआ। ये निवेश 1000 सौदों के जरिये किया गया। इसके साथ ही स्‍टार्टअप्‍स के भारीभरकम मूल्‍याकंन को लेकर भी सवाल उठे। भारतीय स्‍टार्टअप्‍स को पैसा देने वाली हस्तियों में रतन टाटा और एनआर नारायणमूर्ति जैसे दिग्‍गज शामिल हैं तो अलीबाबा व सॉफ्टबैंक जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियां भी पीछे नहीं हैं।

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घरेलू प्रौद्योगिकी व स्टार्टअप ब्‍लॉक ट्रेक डॉट इन के आंकड़ों के अनुसार साल 2015 के दौरान 8.4 अरब डॉलर मूल्‍य के 936 निवेश सौदे किए गए, जबकि 2014 में 304 सौदों के जरिये पांच अरब डॉलर का निवेश किया गया था। स्‍टार्टअप उद्योग के लिए साल 2016 भी काफी उत्साहजनक रहने की उम्मीद है, हालांकि विशेषज्ञ निवेशकों को मूल्यांकन के मोर्चे पर सुधार की अपेक्षा है।  इसके साथ ही नए साल में निवेशकों का ध्यान ई-कॉमर्स से परे कृषि क्षेत्र सहित नए क्षेत्रों पर केंद्रित होने की उम्मीद की जा रही है।

इस साल स्टार्टअप निवेश के लिहाज से फ्लिपकार्ट व स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों तथा टैक्सी बुकिंग सेवा ओला का बोलबाला रहा।  इंडियन एंजल नेटवर्क (आईएएन) की अध्यक्ष पदमजा रूपारेल कहती हैं कि 2015 में प्रौद्योगिकी व ई-कॉमर्स क्षेत्र चर्चा में रहा और इस समय हमारा देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता स्टार्टअप परिदृश्य है। उन्होंने कहा कि दुनिया की 68 यूनिकोर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाली कंपनियों) में से 11 भारतीय हैं।  यह अलग बात है कि कंपनियों के इतने अधिक मूल्यांकन पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

टाटा ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा, इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति व एंजल निवेशक टीवी मोहनदास पई आदि उद्योग जगत के दिग्गजों ने ई-कॉमर्स कंपनियों के ऊंचे मूल्याकंन पर सवाल उठाया है। अनेक स्टार्टअप में निवेश कर चुके रतन टाटा ने इस साल कहा कि मूल्यांकन नहीं बल्कि मूल्य के आधार पर सारा खेल चल रहा है। पई का भी मानना है कि आने वाले कुछ वर्षों में केवल 10 फीसदी स्टार्टअप ही सफल होंगे।

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