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RBI ने किया खुलासा, महंगाई और वित्‍तीय अनिश्चितता थी अक्‍टूबर में ब्‍याज दरें न घटाने की प्रमुख वजह

मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम और बहाय एवं वित्‍तीय मोर्चे पर अनिश्चितता की वजह से मौद्रिक नीति की समीक्षा में RBI ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं कर सका।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: October 19, 2017 13:18 IST
RBI ने किया खुलासा, महंगाई और वित्‍तीय अनिश्चितता थी अक्‍टूबर में ब्‍याज दरें न घटाने की प्रमुख वजह- India TV Paisa
RBI ने किया खुलासा, महंगाई और वित्‍तीय अनिश्चितता थी अक्‍टूबर में ब्‍याज दरें न घटाने की प्रमुख वजह

मुंबई। निकट भविष्य में मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम और बहाय एवं वित्‍तीय मोर्चे पर अनिश्चितता की वजह से मौद्रिक नीति की समीक्षा में भारतयी रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं कर सका। रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने इन आशंकाओं को देखते हुए ही ब्याज दरों को यथावत रखे जाने पर जोर दिया।

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की इस महीने की शुरुआत में हुई समीक्षा बैठक के ब्योरे में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि गवर्नर ने मुख्य मुद्रास्फीति को दीर्घकालिक आधार पर चार प्रतिशत के आसपास बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, हमें बाहरी और वित्‍तीय मोर्चे पर व्याप्त अनिश्चितता को देखते हुए भी सतर्क रहना होगा, इसमें सावधानी रखने की जरूरत है।

RBI गवर्नर के नेतृत्व में 3 और 4 अक्‍टूबर को छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक हुई, जिसमें चालू वित्‍त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की गई। इस बैठक में बहुमत के आधार पर रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर को 6 प्रतिशत पर स्थिर रखा। चालू वित्‍त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के निम्न स्तर 5.7 प्रतिशत रही। आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर प्रोत्साहन देने के लिए नीतिगत दर में कटौती पर सरकार और उद्योगों की तरफ से काफी जोर दिया जा रहा था।

एमपीसी के छह सदस्यों में से एक सदस्य रविन्द्र एच ढोलकिया ने समिति के निर्णय से अलग रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती के पक्ष में अपना मत रखा था। उन्होंने कहा, मेरे विचार से नीतिगत दर में जून 2017 में ही आधा प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए थी। अगस्त में 0.25 प्रतिशत की कटौती बहुत कम और काफी देरी से की गई। हम अधिक सावधानी बरतते हुए अब भी इसमें अतिरिक्त 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकते हैं। अन्यथा मेरे विचार से भविष्य में मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना को देखते हुए भी हमारे पास नीतिगत दर में 0.40 प्रतिशत कटौती की गुंजाइश है।

ढोलकिया आईआईएम अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं और एमपीसी के छह सदस्यों में शामिल हैं। समिति के अन्य सदस्यों में भारतीय सांख्यकीय संस्थान के प्रोफेसर चेतन घाटे, दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्‍स की निदेशक पामी दुआ, कार्यकारी निदेशक माइकल देबब्रत पात्रा, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल वी आचार्य और गवर्नर उर्जित पटेल समिति के अध्यक्ष हैं।

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