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देश की विकास दर FY2023-24 में 6.5% से ज्यादा आसानी से होगी हासिल, वित्त मंत्रालय को है उम्मीद

उपभोग मांग में ग्रोथ बरकरार रहने की उम्मीद है। ऑटो बिक्री, ईंधन खपत और यूपीआई लेनदेन में हाई ग्रोथ के साथ शहरी मांग की स्थिति लचीली बनी हुई है।

Sourabha Suman Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: December 29, 2023 22:34 IST
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हासिल गति तीसरी तिमाही में भी बरकरार रहने की संभावना है। - India TV Paisa
Photo:FILE वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हासिल गति तीसरी तिमाही में भी बरकरार रहने की संभावना है।

देश की मजबूत विकास दर को लेकर वित्त मंत्रालय का भरोसा काफी मजबूत है। वित्त मंत्रालय की शुक्रवार को जारी अर्धवार्षिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में सरकार ने उम्मीद जताई है कि 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वैश्विक विकास और स्थिरता के दृष्टिकोण के जोखिमों के बावजूद 6.5 प्रतिशत के अपने पूर्वानुमान को आराम से पार कर जाएगी। भाषा की खबर के मुताबिक,वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर वृद्धि और पहली छमाही में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उभरने से विकास की संभावनाओं में सुधार हुआ है और विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमानों को एडवांस करने के लिए प्रेरित किया है।

पीएमआई मैनुफैक्चरिंग और सेवाएं बढ़ीं

खबर के मुताबिक, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हासिल गति तीसरी तिमाही में भी बरकरार रहने की संभावना है। अक्टूबर और नवंबर 2023 के लिए भारत में हाई  संकेतक मजबूत आर्थिक गतिविधि को दर्शाते हैं। पीएमआई मैनुफैक्चरिंग और सेवाएं अक्टूबर और नवंबर में बढ़ी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि आईआईपी और आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक के अक्टूबर 2023 के निशान भी विनिर्माण गतिविधि में लगातार ग्रोथ की तरफ इशारा करते हैं।

 उपभोग मांग में ग्रोथ बरकरार रहने की उम्मीद

अवकाश यात्रा, व्यावसायिक यात्रा और सामाजिक आयोजनों से प्रेरित पर्यटन सह होटल उद्योग में उछाल से सेवा क्षेत्र में भावनाएं उत्साहित और प्रेरित बनी हुई हैं। उपभोग मांग में ग्रोथ बरकरार रहने की उम्मीद है। ऑटो बिक्री, ईंधन खपत और यूपीआई लेनदेन में हाई ग्रोथ के साथ शहरी मांग की स्थिति लचीली बनी हुई है। इसमें कहा गया है कि ग्रामीण मांग भी बढ़ रही है, जो दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री में मजबूत वृद्धि से परिलक्षित होती है।

मौजूदा वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति औसतन 5.4% रहने का अनुमान

महंगाई के मोर्चे पर, मुख्य मुद्रास्फीति में स्थिर गिरावट और ईंधन मुद्रास्फीति में निरंतर अपस्फीति के साथ, खाद्य कीमतों से अस्थायी व्यवधानों के बावजूद, ओवरऑल मुद्रास्फीति घट रही है। आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति औसतन 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। भारत के बाहरी क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण आशाजनक है, जैसा कि नवंबर में सेवाओं और माल दोनों के लिए व्यापार संतुलन की विज्ञप्ति में देखा गया है। अमेरिकी डॉलर और दूसरे प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अपेक्षाकृत स्थिर भारतीय रुपया और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार आशावाद को बढ़ाते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी निवेश फ्लो भी भारतीय शेयर बाजार सूचकांकों को नई ऊंचाइयों पर चढ़ने में मदद कर रहा है, जो विकास की संभावनाओं पर घरेलू और विदेशी निवेशकों के बीच व्यापक पॉजिटिविटी को दर्शाता है।

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