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GDP Data: चालू खाते का घाटा जून तिमाही में GDP के 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान, 3 सालों का टूट सकता है रिकॉर्ड

GDP Data: देश का चालू खाते का घाटा (कैड) जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद ( GDP) का 3.4 प्रतिशत या 28.4 अरब डॉलर रह सकता है। इंडिया रेटिंग्स ने यह अनुमान लगाया है। यह 36 तिमाहियों का उच्चस्तर होगा।

Edited By: India TV Business Desk
Published : Sep 19, 2022 18:54 IST, Updated : Sep 19, 2022 18:54 IST
चालू खाते का घाटा जून...- India TV Paisa
Photo:PTI चालू खाते का घाटा जून तिमाही में GDP के 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान

GDP Data: देश का चालू खाते का घाटा (कैड) जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद ( GDP) का 3.4 प्रतिशत या 28.4 अरब डॉलर रह सकता है। इंडिया रेटिंग्स ने यह अनुमान लगाया है। यह 36 तिमाहियों का उच्चस्तर होगा। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 0.9 प्रतिशत अधिशेष का था। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, मार्च, 2022 की तिमाही में घाटा 1.5 प्रतिशत या 13.4 अरब डॉलर था, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में चालू खाते का अधिशेष 6.6 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 0.9 प्रतिशत था। 

3 सालों का टूट सकता है रिकॉर्ड

इस तरह समीक्षाधीन अवधि में चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही के बाद से 36 तिमाहियों के उच्चस्तर पर होगा। 2013-14 की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा 4.7 प्रतिशत था। इंडिया रेटिंग्स ने सोमवार को एक टिप्पणी में कहा कि स्थिर कीमतों पर चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2012-13 की तीसरी तिमाही के बाद से 38 तिमाहियों के उच्चस्तर पर होगा। 

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में वस्तुओं का निर्यात 121.2 अरब डॉलर के साथ रिकॉर्ड उच्चस्तर पर था, लेकिन निर्यात धीमा होने के चलते दूसरी तिमाही में इसमें कमी होने का अनुमान है। इस अवधि में निर्यात 1.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 104.2 अरब डॉलर रह सकता है। भाषा पाण्डेय अजय अजय 1909 1810 मुंबई नननन

GDP वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में सुधार होने की उम्मीद

आईसीआरए (ICRA) के अनुमानों के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष-23 की दूसरी तिमाही में दोगुना बढ़कर 8 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में 3.8 प्रतिशत थी। आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, "हम वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही के लिए 6.5-7.0 प्रतिशत पर जीडीपी विस्तार का अनुमान लगा रहे हैं। महत्वपूर्ण रूप से, जीडीपी की वृद्धि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 8.0 प्रतिशत से वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 3.8 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।"

अगस्त 2022 में बारिश में कुछ कमी ऑटो सेक्टर के लिए सेमीकंडक्टर उपलब्धता जैसे आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों में ढील और त्योहारों से पहले इन्वेंट्री के संचय के बीच आर्थिक गतिविधियों की गति बढ़ गई। यहां तक कि बाहरी मांग में मंदी के रूप में कार्य करना जारी रखा है।

जुलाई 2022 के सापेक्ष में अगस्त 2022 में सुधार

साल-दर-साल आधार पर जीएसटी ई-वे बिल, मोटरसाइकिल और यात्री वाहनों (पीवी), वाहन पंजीकरण, तैयार स्टील, पेट्रोल और डीजल की खपत सहित 16 उच्च आवृत्ति संकेतकों में से नौ के प्रदर्शन में जुलाई 2022 के सापेक्ष में अगस्त 2022 में सुधार हुआ है।

इस बीच, चालू माह में शुरुआती आंकड़े मिले-जुले हैं। महीने के शुरुआती हिस्से में बारिश में कमी के कारण अखिल भारतीय बिजली की मांग में 1-13 सितंबर, 2022 में एक स्वस्थ वृद्धि देखी गई। हालांकि, औसत दैनिक वाहन पंजीकरण ने सितंबर 2022 में अब तक 7 प्रतिशत की तेज एमओएम गिरावट दर्ज की है।

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