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पशुपालकों के लिए सरकार लाई 'गौ चिप' और 'महिष चिप', जानिए क्या हैं इनके फायदे

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि घरेलू समाधानों को प्रोत्साहित करके आयात निर्भरता को कम करने पर सरकार का पूरा ध्यान है। घोषणाओं का एक मुख्य आकर्षण मवेशियों के लिए विशेष एकीकृत जीनोमिक 'गौ चिप' और भैंसों के लिए 'महिष चिप' का विकास है।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Sep 18, 2024 6:48 IST, Updated : Sep 18, 2024 6:48 IST
डेयरी सेक्टर- India TV Paisa
Photo:REUTERS डेयरी सेक्टर

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने मंगलवार को डेयरी क्षेत्र के लिए सस्ती स्वदेशी तकनीकों के विकास में प्रमुख उपायों की घोषणा की। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरा होने के मौके पर इसकी घोषणा की गयी। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रमुख उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने सस्ती स्वदेशी सेक्स सॉर्टिंग तकनीक, आईवीएफ के लिए मीडिया और गोजातीय पशुओं के लिए एक एकीकृत जीनोमिक चिप विकसित की है।’’

मवेशियों के लिए 'गौ चिप' 

मंत्री ने कहा कि घरेलू समाधानों को प्रोत्साहित करके आयात निर्भरता को कम करने पर सरकार का पूरा ध्यान है। घोषणाओं का एक मुख्य आकर्षण मवेशियों के लिए विशेष एकीकृत जीनोमिक 'गौ चिप' और भैंसों के लिए 'महिष चिप' का विकास है। साथ ही जीनोटाइपिंग सेवाएं भी हैं। सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर इसे शुरु कर सकते हैं।’’ भारतीय नस्लों के लिए तैयार की गई इस तकनीक का उद्देश्य आनुवंशिक सुधार कार्यक्रमों में तेजी लाना है। लागत में कमी लाने के एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में, स्वदेशी सेक्स-सॉर्टेड वीर्य उत्पादन तकनीक अब चालू हो गई है।

घट जाएगी कीमतें

मंत्री ने घोषणा की, ‘‘हमारी योजना सालाना 10 लाख सेक्स्ड वीर्य खुराक का उत्पादन करने की है, प्रत्येक खुराक की कीमत पहले के 1,000 रुपये के बजाय 200 रुपये होगी।’’ क्षेत्रीय चुनौतियों को संबोधित करते हुए, सिंह ने असंगठित दूध क्षेत्र को संगठित करने के लिए राज्यों की पहचान करने और चारे की कमी से निपटने के प्रयासों की योजनाओं का उल्लेख किया। मंत्रालय के लिए कम बजट आवंटन के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, ‘‘हमें कम बजट के कारण कोई समस्या नहीं आ रही है। हमें अपनी परियोजनाओं के लिए धन मिल रहा है।’’ मत्स्य पालन क्षेत्र में भी विकास हुआ, जिसमें मंत्रालय ने मछुआरों को एक लाख मुफ्त स्वदेशी ट्रांसपोंडर वितरित करने की घोषणा की। सिंह ने बताया, ‘‘इन्हें एंड्रॉइड मोबाइल फोन से जोड़ा जाएगा।’’ सरकार ने तीन स्मार्ट फिश हार्बर और पांच एक्वा पार्क को भी मंजूरी दी है।

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