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India में ‘सभी को काम' मुहैया कराने के लिए 13.52 लाख करोड़ के सालाना निवेश की जरूरत

रिपोर्ट में सरकार को सुझाव दिया है कि नागरिकों के लिए अच्छी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए ‘काम का अधिकार’ कानून बनाना चाहिए।

India TV Paisa Desk Edited By: India TV Paisa Desk
Published on: October 11, 2022 19:30 IST
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Photo:FILE work for all

Highlights

  • अच्छी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए ‘काम का अधिकार’ कानून बनाना चाहिए
  • रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि रोजगार बढ़ने से उत्पादन के साथ-साथ मांग भी बढ़ेगी
  • सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं में भारी बदलाव की आवश्यकता

India में सभी को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सरकार को ‘काम का अधिकार’ कानून बनाने और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का कम से कम पांच प्रतिशत यानी 13.52 लाख करोड़ रुपये का सालाना निवेश करने की जरूरत है। रोजगार और बेरोजगारी पर जन आयोग की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। देश बचाओ अभियान द्वारा स्थापित रोजगार और बेरोजगारी पर जन आयोग ने मंगलवार को अपने अध्ययन ‘काम का अधिकार: भारत के लिए वास्तव में सभ्य और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनने के लिए व्यावहारिक और अपरिहार्य’ रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया कि पूर्ण रोजगार एक टुकड़े के दृष्टिकोण के जरिये प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसके लिए कानूनी, सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं में भारी बदलाव की आवश्यकता होती है।

‘काम का अधिकार’ कानून बनाना चाहिए

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सरकार को नागरिकों के लिए अच्छी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए ‘काम का अधिकार’ कानून बनाना चाहिए। साथ ही इसमें कहा गया है कि 21.8 करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजित करने के लिए प्रति वर्ष 13.52 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के पांच प्रतिशत के बराबर निवेश की आवश्यकता है। रिपोर्ट में अगले पांच वर्षों के लिए इस खर्च को जीडीपी का सालाना एक प्रतिशत बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि रोजगार बढ़ने से उत्पादन के साथ-साथ मांग भी बढ़ेगी।

खुदरा रोजगार खोजने वाले लोगों की संख्या 11.8% घटी

खुदरा क्षेत्र में नौकरी की तलाश करने वाले भारतीयों की संख्या अगस्त 2021 के मुकाबले इस वर्ष अगस्त में 11.80 फीसदी घट गई है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान पेश किया गया है। वैश्विक रोजगार वेबसाइट ‘इन्डीड’ ने एक रिपोर्ट में कहा कि अगस्त 2019 से अगस्त 2022 के बीच के समय में खुदरा क्षेत्र में रोजगार 5.50 फीसदी घट गए और वैश्विक महामारी के दौरान तथा उसके बाद खुदरा क्षेत्र में नौकरी तलाश करने वाले भारतीय लोगों की संख्या भी घटी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2020 से अगस्त 2021 के बीच खुदरा रोजगार 27.70 फीसदी बढ़े थे लेकिन अगस्त 2021 से अगस्त 2022 के बीच इनमें 11.80 फीसदी की गिरावट आ गई। ऐसा मोटे तौर पर लॉकडाउन की वजह से और घर से ही काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की संस्कृति की वजह से हुआ जिसमें लोगों ने त्योहारों के दौरान भी ऑनलाइन खरीदारी की। यह रिपोर्ट अगस्त 2019 से अगस्त 2022 के बीच इन्डीड मंच पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है। इसके मुताबिक खुदरा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 22.9 फीसदी नौकरियां ‘शाखा प्रबंधक’ जैसी प्रबंधन भूमिका के लिए निकलीं जबकि सेल्स एसोसिएट स्तर पर यह आंकड़ा 10.07 फीसदी, स्टोर मैनेजर के लिए 9.52 फीसदी, लॉजिस्टिक्स के लिए 4.58 फीसदी और मर्चेंडाइजर के लिए 4.39 फीसदी रहा। नौकरी करने के इच्छुक लोगों की दिलचस्पी सबसे ज्यादा 15 फीसदी स्टोर मैनेजर पद के लिए, खुदरा सेल्स एसोसएिट (14.4 per फीसदी), कैशियर (11 फीसदी), शाखा प्रबंधक (9.49 फीसदी) और लॉजिस्टिक्स एसोसिएट (9.08 फीसदी) है।

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