Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. RBI की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक आज से शुरू, जानें Home-Car की ब्याज घटेगी या नहीं?

RBI की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक आज से शुरू, जानें Home-Car की ब्याज घटेगी या नहीं?

विशेषज्ञों ने कहा कि महंगाई का दबाव बने रहने के बीच आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में दर में कटौती से परहेज कर सकती है, क्योंकि भले ही ब्याज दर 6.5 प्रतिशत (रेपो दर) तक बढ़ा दी गई हो, आर्थिक वृद्धि अच्छी है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Aug 06, 2024 12:56 IST, Updated : Aug 06, 2024 12:56 IST
RBI governor Shaktikant Das- India TV Paisa
Photo:PTI RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी समिति की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हो गई है। अगस्त की बैठक 1 अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के बाद तीसरी बैठक है, पहली बैठक 3-5 अप्रैल को हुई थी और दूसरी 5-7 जून को हुई थी। वैश्विक बदले हालात में इस बार आरबीआई की यह मौद्रिक पॉलिसी की बैठक काफी अहम होने वाली है। आपको बता दें कि फरवरी, 2023 से आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। ऐसे में क्या इस बार रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया जाएगा। अगर रेपो रेट में कटौती होगी तो होम लोन, कार लोन समेत सभी लोन सस्ते होंगे। अगर रेपो रेट स्थिर रहता है तो ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। यानी बढ़े ईएमआई के बोझ से राहत नहीं मिलेगी। गोरतलब है कि 8 अगस्त को आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी स​मिति अपना फैसला सुनाएगी। 

क्या उम्मीदें हैं?

अधिकांश अर्थशास्त्रियों के अनुसार, केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में 7-8 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि के बावजूद, मुद्रास्फीति के मोर्चे पर सब कुछ ठीक नहीं है। ये चिंताएं जून 2024 में मुद्रास्फीति के 5 प्रतिशत के निशान को पार करने के बाद बढ़ गई है। 

भारत की ग्रोथ पर असर नहीं 

विशेषज्ञों ने कहा कि महंगाई का दबाव बने रहने के बीच आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में दर में कटौती से परहेज कर सकती है, क्योंकि भले ही ब्याज दर 6.5 प्रतिशत (रेपो दर) तक बढ़ा दी गई हो, आर्थिक वृद्धि अच्छी है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.9 प्रतिशत की मुद्रास्फीति के साथ मिलकर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में रुख बना रही है। उन्होंने कहा कि अगस्त, 2024 की बैठक में रुख में बदलाव या दर में कटौती की गुंजाइश नहीं लग रही है। उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून और वैश्विक या घरेलू झटकों की अनुपस्थिति में खाद्य मुद्रास्फीति अनुकूल हो जाती है, तो अक्टूबर, 2024 में रुख में बदलाव संभव है। इसके बाद दिसंबर, 2024 और फरवरी, 2025 में ब्याज दरों में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement