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RERA ने होम बायर्स के हक में लिया बड़ा फैसला, ये काम किए बिना बिल्डर 10% से ज्यादा रकम नहीं ले पाएंगे

रियल एस्टेट में सुधार के लिए रेरा लगातार कदम उठा रहा है। अब यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। अभी तक कई बिल्डर भोले-भाले खरीदारों से ज्यादा पैसा ले लेते हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jan 05, 2024 21:55 IST, Updated : Jan 05, 2024 21:55 IST
Real estate - India TV Paisa
Photo:FILE रियल एस्टेट

उत्तर प्रदेश रेरा (UP RERA) ने लाखों होम बायर्स के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है। यूपी रेरा ने अपने आदेश में रियल एस्टेट बिल्डर को कहा है कि उसे घर खरीदारों से घर की लागत के 10 प्रतिशत से अधिक का कोई भी लेनदेन करने से पहले पंजीकृत समझौता करना होगा। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (उप्र रेरा) ने शुक्रवार को इस संदर्भ में परामर्श जारी किया। इसका लक्ष्य बिल्डर की जवाबदेही तय करने और कारोबारी संबंधों में पारदर्शिता लाना है। यूपी रेरा ने एक बयान में कहा कि कोई भी प्रवर्तक किसी भी व्यक्ति से उसके साथ बिक्री के लिए पंजीकृत अनुबंध (बिल्डर-बायर एग्रीमेंट) किए बिना अपार्टमेंट, प्लॉट या भवन की लागत का 10 प्रतिशत से अधिक अग्रिम भुगतान नहीं ले सकता है।

रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाएगा यह फैसला

बयान के अनुसार, ऐसा समझौता राज्य सरकार द्वारा 2018 के नियमों के तहत निर्धारित बिक्री के लिए मॉडल समझौते पर होना चाहिए। यूपी रेरा के चेयरमैन संजय भूसरेड्डी ने कहा कि इस सलाह का उद्देश्य बिल्डरों की ओर से जवाबदेही सुनिश्चित करना और उनके व्यापारिक संबंधों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यूपी रेरा ने कहा कि बिल्डर और घर खरीदारों के बीच समझौते में परियोजना के विकास के विवरण शामिल होने चाहिए। साथ ही इसमें भवन और अपार्टमेंट के निर्माण के साथ-साथ आंतरिक और बाहरी विकास कार्यों के बारे में विवरण होने चाहिए।

तारीख का भी उल्लेख करना जरूरी होगा 

इसमें कहा गया कि समझौते में लागत इकाई के लिए भुगतान की तारीखें और उसका माध्यम बताया जाएगा। इसमें उस तारीख का भी उल्लेख होगा जिस पर कब्जा संबंधित खरीदार को सौंप दिया जाएगा। भूसरेड्डी ने आगे कहा कि ऐसे उदाहरण हैं जहां प्रवर्तकों ने बिक्री या बिल्डर-खरीदार समझौते के लिए पंजीकृत समझौते के बिना ‘भोले-भाले खरीदारों से राशि का ज्यादातर हिस्सा ले लिया’ है। 

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