Wednesday, March 05, 2025
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UPI यूजर्स अब हो जाएं टेंशन फ्री, पैसा अटकने या ट्रांजैक्शन फेल होने पर रिफंड झट से मिलेगा, NPCI ने किया ये बदलाव

विशेषज्ञों का कहना है कि UPI ट्रांजैक्शन फेल होने की स्थिति में सहज और प्रभावी बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। नई ऑटोमेटेड प्रक्रिया 15 फरवरी, 2025 यानी आज से शुरू हो रही है। संशोधित चार्जबैक प्रक्रिया के लागू होने से स्थिति और बेहतर होगी।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Feb 15, 2025 11:03 IST, Updated : Feb 15, 2025 11:28 IST
UPI Transaction
Photo:FILE यूपीआई ट्रांजैक्शन

देश के करोड़ों UPI यूजर्स के लिए अच्छी खबर है। अब यूपीआई से ट्रांजैक्शन फेल या पैसा अटकने पर रिफंड के लिए कई दिनों तक इंतजार नहीं करना होगा। झट से पैसा मिल जाएगा। दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने अब चार्जबैक अनुरोधों के लिए स्वीकृति और अस्वीकृति प्रक्रिया को ऑटोमेटेड कर दिया है। अगर आपको UPI ट्रांजेक्शन फेल हो गया है और आपको अभी तक रिफंड नहीं मिला है, तो आपको अपने बैंक से चार्जबैक रिक्वेस्ट करनी होती है। आपके बैंक द्वारा उठाया गया यह रिक्वेस्ट अब पहले से ज्यादा तेजी से निपटाया जाएगा, क्योंकि इसे स्वीकार या अस्वीकार करने की प्रक्रिया ऑटोमेटेड हो गई है। यानी प्रक्रिया तेज होने से रिफंड कम समय में जारी होगा। 

10 फरवरी को जारी किया गया सर्कुलर

10 फरवरी, 2025 को जारी एक सर्कुलरमें एनपीसीआई ने कहा है कि नए नियम के तहत, लाभार्थी बैंकों द्वारा दाखिल किए गए ट्रांजेक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन (टीसीसी) या रिटर्न रिक्वेस्ट (आरईटी) के आधार पर चार्जबैक अनुरोध या तो ऑटोमेटेड रूप से स्वीकार या अस्वीकार कर दिए जाएंगे। TCC या RET लेन-देन की स्थिति के बारे में संचारक के रूप में कार्य करता है, यह दर्शाता है कि पैसा लाभार्थी बैंक के पास है या नहीं। यदि पैसा पहले से ही लाभार्थी बैंक के पास है, तो लेन-देन सफल माना जाता है, और चार्जबैक अनुरोध की कोई आवश्यकता नहीं है। अगर किसी कारण से लाभार्थी बैंक में पैसा जमा नहीं किया जा सका, तो इसे प्रेषक बैंक के ग्राहक को वापस कर दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में पहले मैन्युअल मिलान शामिल था। अब इसे ऑटोमेटेड कर दिया गया है। 

आज से ऑटोमेटेड प्रक्रिया शुरू हुई 

विशेषज्ञों का कहना है कि UPI ट्रांजैक्शन फेल होने की स्थिति में सहज और प्रभावी बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। नई ऑटोमेटेड प्रक्रिया 15 फरवरी, 2025 यानी आज से शुरू हो रही है। संशोधित चार्जबैक प्रक्रिया के लागू होने से स्थिति और बेहतर होगी। अक्सर, यूपीआई द्वारा स्वीकृत माने जाने वाले लेन-देन पर लाभार्थी बैंकों द्वारा कार्रवाई करने से पहले ही प्रेषण बैंकों द्वारा चार्जबैक शुरू कर दिया जाता है, क्योंकि वर्तमान प्रक्रिया प्रेषण बैंकों को यूआरसीएस में टी+0 से आगे चार्जबैक बढ़ाने की अनुमति देती है, जिसके कारण लाभार्थी बैंकों को विवाद के चार्जबैक का रूप लेने से पहले रिटर्न (आरईटी)/टीसीसी को समेटने और सक्रिय रूप से संसाधित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां लाभार्थी बैंकों ने आरईटी बढ़ा दिया है और रिटर्न की स्थिति की जांच नहीं की है।

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