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वंदे भारत में जल्द ही लेट कर भी कर सकेंगे सफर, स्लीपर ट्रेन के लिए सरकार ने की बड़ी घोषणा

स्लीपर वाली वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण जून 2025 से शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि 2025 के अंत में या फिर 2026 में ये ट्रेनें पटरी पर आ जाएंगी।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: July 25, 2023 17:01 IST
vande Bharat Train- India TV Paisa
Photo:FILE vande bharat train

देश की सबसे आ​धुनिक ट्रेन वंदे भारत का सफर अब और भी आरामदायक होने जा रहा है। अभी तक आप वंदे भारत में बैठ कर सफर करते आ रहे हैं। लेकिन 8 से 10 घंटे बैठना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। यही ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। अब जल्द ही आप वंदे भारत ट्रेनों में लेटकर आराम से सफर कर सकेंगे। इसके लिए जल्द ही भारतीय रेल स्लीपर डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन को पटरियों पर उतारने की तैयारी कर रहा है। इन स्लीपर वाली वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण जून 2025 से शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि 2025 के अंत में या फिर 2026 में ये ट्रेनें पटरी पर आ जाएंगी। 

टीटागढ़ रेल सिस्टम तैयार करेगा 80 वंदे भारत 

वंदे भारत की शयनयान कोच से सजी ट्रेनों का वाणिज्यिक उत्पादन टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) के उत्तरपाड़ा संयंत्र में जून, 2025 से शुरू होगा। टीआरएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बीएचईएल के साथ स्थापित गठजोड़ को रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के 80 सेट बनाने का काम सौंपा है। वंदे भारत की यह स्लीपर ट्रेन अभी तक परिचालन में मौजूद वंदे भारत ट्रेन से अलग होगी। इसमें बैठने वाली सीटों की जगह यात्रियों के सोने लायक सीट लगाई जाएंगी। 

24000 करोड़ का है प्रोजेक्ट 

गठजोड़ इस ट्रेन के 50-55 प्रतिशत कलपुर्जों का निर्माण बंगाल में ही करेगा। इस गठजोड़ में टीआरएसएल की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत है। कंपनी के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी ने कहा कि गठजोड़ को रेलवे से मिले इस ठेके का कुल मूल्य 24,000 करोड़ रुपये है जिसमें टीआरएसएल की हिस्सेदारी करीब 12,716 करोड़ रुपये की है। उन्होंने कहा कि इस अनुबंध को छह साल के भीतर पूरा किया जाएगा। 

इन दो जगहों पर होगा निर्माण 

चौधरी ने कहा, ‘‘वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का वाणिज्यिक उत्पादन जून, 2025 से शुरू होगा और इसके लिए उत्तरपाड़ा संयंत्र में जरूरी ढांचा तैयार का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए 650 करोड़ रुपये की पूंजी का इंतजाम अलग से किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप दो साल के भीतर तैयार कर लिया जाएगा। पहली आठ ट्रेनें पूरी तरह उत्तरपाड़ा संयंत्र में बनाई जाएंगी जबकि बाकी ट्रेनों को रेलवे के चेन्नई संयंत्र में असेंबल किया जाएगा। 

887 यात्री कर सकेंगे यात्रा 

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को इस तरह से बनाया जाएगा कि वह अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सके। उसमें 16 डिब्बे लगाए जाएंगे जिनमें कुल 887 यात्री एक साथ यात्रा कर पाएंगे। चौधरी ने कहा कि 120 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की आपूर्ति एक और गठजोड़ करने वाला है जिसमें रेल विकास निगम लिमिटेड और रूसी कंपनी टीएमएच शामिल हैं। 

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