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भारत में शुरू होगी दुनिया की सबसे बड़ी फूड स्टोरेज स्कीम, केंद्र सरकार ने दी 1 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी

देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है। लेकिन मौजूदा क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: May 31, 2023 16:38 IST
Wheat Storage - India TV Paisa
Photo:FILE Wheat Storage

आंकड़ों की मानें तो दुनिया के कई देशों में जितना अनाज साल भर में पैदा होता है, उतना हम बारिश, चूहों और अन्य कारणों के चलते बरबाद कर देते हैं। देश में अनाज भंडारण से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव के चलते देश के मेहनतकश किसानों की मेहनत यू हीं बरबाद हो जाती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है। लेकिन मौजूदा क्षमता के तहत गोदामों में कुल उपज का 47 प्रतिशत तक ही रखा जा सकता है। लेकिन अब जल्द ही तस्वीर बदलने वाली है। केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को सहकारी क्षेत्र में खाद्यान्न भंडारण क्षमता 700 लाख टन बढ़ाने के लिये एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। 

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि देश में अनाज भंडारण क्षमता फिलहाल 1,450 लाख टन है। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी। यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी। ठाकुर ने प्रस्तावित योजना को सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न भंडारण कार्यक्रम बताया। इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में 2,000 टन क्षमता के गोदाम बनाये जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज को होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को संकट के समय अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने से रोकना, आयात पर निर्भरता कम करना तथा गांवों में रोजगार के अवसर सृजित करना है। मंत्री ने कहा कि अधिक भंडारण क्षमता से किसानों के लिये परिवहन लागत कम होगी और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। 

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