
जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में मंगलवार को 5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी के कंपनी से इस्तीफा देने के बाद इस कंपनी के शेयर नई निचली सर्किट लिमिट पर पहुंच गया। बीएसई पर शेयर 4.99 प्रतिशत गिरकर 51.84 रुपये पर आ गया, जो इसका 52-सप्ताह का निचला स्तर और निचली सर्किट सीमा है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एनएसई पर कंपनी के शेयरों में 5 प्रतिशत की गिरावट आई और यह दिन के लिए सबसे कम कारोबार की अनुमति वाली सीमा और 52-सप्ताह के निचले स्तर 51.25 पर पहुंच गया। 1,125.75 रुपये के अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से शेयर 95.39 प्रतिशत नीचे आ चुका है। पिछले 23 कारोबारी सत्रों से शेयर में गिरावट आ रही है और यह 68.28 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
प्रमोटर को प्रतिभूति बाजारों से बैन कर दिया गया
खबर के मुताबिक, सोमवार को एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, संकटग्रस्त जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी पर लगे आरोप के बाद बाजार नियामक सेबी के अंतरिम आदेश पर कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। अनमोल सिंह जग्गी प्रबंध निदेशक के पद पर थे, जबकि पुनीत सिंह जग्गी पूर्णकालिक निदेशक थे।
इससे पहले 15 अप्रैल को, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फंड डायवर्जन और गवर्नेंस लैप्स के आरोप लगने के मामले में जेनसोल इंजीनियरिंग और प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया था।
स्टॉक विभाजन को रोकने का भी निर्देश
नियामक ने अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी पर लगे आरोप के बाद अगले आदेश तक जेनसोल में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी का पद संभालने से भी रोक दिया। इस आरोप के बाद बाजार नियामक ने जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड को इसके द्वारा घोषित स्टॉक विभाजन को रोकने का भी निर्देश दिया। जेनसोल इंजीनियरिंग ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि अनमोल सिंह जग्गी, प्रबंध निदेशक और पुनीत सिंह जग्गी, पूर्णकालिक निदेशक ने अपना इस्तीफा दे दिया है। वे कंपनी की अलग-अलग समितियों के सदस्य भी नहीं रहेंगे। कंपनी ने इस्तीफे का मुख्य वजह 15 अप्रैल, 2025 के सेबी के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस्तीफों के मुताबिक, वे 12 मई, 2025 को कारोबारी समय खत्म होने से अपने पदों का प्रभार छोड़ रहे हैं।