Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. फायदे की खबर
  4. स्मोकिंग की आदत बढ़ा देगी आपके इंश्योरेंस का प्रीमियम, जानिए कितना महंगा पड़ेगा धूम्रपान

स्मोकिंग की आदत बढ़ा देगी आपके इंश्योरेंस का प्रीमियम, जानिए कितना महंगा पड़ेगा धूम्रपान

धूम्रपान के सेहत पर गंभीर असर को देखते हुए हाई रिस्क जॉब प्रोफाइल के मुकाबले इंश्योरेंस कंपनियां स्मोकिंग को ज्यादा गंभीरता से लेती हैं। इसी वजह से स्मोकिंग करने वालों को प्रीमियम पर ज्यादा रकम चुकानी पड़ती है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : October 09, 2020 18:46 IST
जानिए स्मोकिंग का...- India TV Paisa
Photo:PTI

जानिए स्मोकिंग का आपके इंश्योरेंस प्रीमियम पर असर

नई दिल्ली| धूम्रपान न सिर्फ स्वास्थ्य पर असर डालता है, बल्कि इसका असर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर भी पड़ता है। कई लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के अंडरराइटिंग नियमों के मुताबिक, ग्राहक के लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जॉब प्रोफाइल से ज्यादा, धूम्रपान की लत का असर पड़ता है। अंडरराइटिंग के नियमों और रिस्क प्रोफाइल को देखते हुए कम रिस्क जॉब प्रोफाइल वाले स्मोकर्स को हाई रिस्क जॉब वाले नॉन स्मोकर्स की तुलना में लाइफ इंश्योरेंस के लिए अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ सकता है।

धूम्रपान पर ज्यादा प्रीमियम क्यों?

पॉलिसी बाजार डॉट कॉम की चीफ बिजनेस ऑफिसर संतोष अग्रवाल ने कहा कि लो या हाई रिस्क जॉब प्रोफाइल की ही तरह इंश्योरेंस कंपनियां उपभोक्ताओं को दो अलग-अलग सेगमेंट स्मोकर्स और नॉन स्मोकर्स में बांटती हैं। उन्होंने कहा कि लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर धूम्रपान का इतना ज्यादा असर क्यों पड़ता है, इसका कारण धूम्रपान की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाला बेहद प्रतिकूल प्रभाव है। अलग-अलग किए गए अध्ययन के मुताबिक, हाई रिस्क जॉब के कारण भले ही लोगों की मृत्यु न हो, लेकिन धूम्रपान, कई तरह के जानलेवा रोगों जैसे फेफड़े का कैंसर, स्ट्रोक्स, दिल से जुड़ी बीमारियां और टीबी जैसे रोगों का प्राथमिक कारण बनता है। ऐसा कई दशकों से देखा जा रहा है। यही कारण है कि धूम्रपान करने वाले लोगों की मौत की आशंका अधिक होती है, इसलिए उन्हें ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ता है।

धूम्रपान पर प्रीमियम का कितना बोझ
संतोष अग्रवाल ने कहा कि धूम्रपान करने वाले लोगों को लाइफ इंश्योरेंस के लिए धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में औसतन 50 फीसदी अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ता है। धूम्रपान करने वाले लोगों को हर महीने लाइफ इंश्योरेंस के लिए धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में औसतन 650 रुपये से 850 रुपये तक अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ता है और यह सालाना 8,000 रुपये से 10,000 रुपये अधिक हो जाता है। प्रीमियम में उम्र, धूम्रपान की आदत और अन्य बीमारियां का होना भी असर डालता है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान करने वाले लोगों के लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम की गणना करने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां पिछले एक महीने में ग्राहक द्वारा तंबाकू के इस्तेमाल की आवृति की जानकारी लेती हैं। इसमें तंबाकू से जुड़े उत्पाद जैसे सिगार, सिगरेट या तंबाकू चबाने से जुड़ी जानकारी होती है। इस जानकारी के आधार पर कंपनियां यह फैसला लेती हैं कि ग्राहक सीजंड या ओकेजनल स्मोकर है। अंडरराइटिंग के अन्य नियमों को ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस कंपनियां लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम पर लोडिंग (प्रीमियम में बढ़ोतरी) चार्ज करने का फैसला लेती हैं।

धूम्रपान की जानकारी छुपाने से नहीं चलेगा काम
उन्होंने कहा कि अगर आप धूम्रपान करते हैं और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के इच्छुक हैं, तो आप पॉलिसी के प्रीमियम में होने वाली बढ़ोतरी को नजरअंदाज करते हुए अपनी धूम्रपान की लत से जुड़ी सारी जानकारी इंश्योरेंस कंपनी को दें। इंश्योरेंस कंपनियां इंश्योरेंस जारी करने से पहले अक्सर ग्राहकों को मेडिकल टेस्ट कराने को कहती हैं। आप इंश्योरेंस कंपनी से भले ही यह झूठ बोल दें कि आप धूम्रपान नहीं करते, लेकिन मेडिकल टेस्ट में आपकी पोल आसानी से खुल जाएगी, भले ही आप कभी-कभी ही धूम्रपान क्यों न करते हों। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। My Profit News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement