पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कितनी खराब हो चुकी है, इसका अंदाजा उसके विदेशी मुद्रा भंडार से लगाया जा सकता है। कई बार करेंसी की उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए भारत महीने भर में जितने डॉलर खर्च कर देता है, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ उतना ही बचा है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 10.32 अरब डॉलर बचा है। पाकिस्तान का यह रिजर्व उसके आयात की सिर्फ 2 महीने की जरूरत को पूरा कर पाने में सक्षम है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के तय किए हुए मानकों से कम है
देश में पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय अप्रैल 2018 के दौरान 15,713 करोड़ रुपए रही, जो कि अप्रैल, 2017 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। पर्यटन मंत्रालय ने आज बयान में यह जानकारी दी।
इस महीने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार को 4 साल होने जा रहे हैं। अगले साल फिर से देश में आम चुनाव होने हैं ऐसे में मौजूदा मोदी सरकार में हुए कामकाज की तुलना पहले की मनमोहन सिंह सरकार के कामकाज से होने लगी है। इस कड़ी में आज हम तुलना कर रहे हैं मोदी और मनमोहन के समय देश में जमा हुई विदेशी मुद्रा की
देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार मई को समाप्त सप्ताह में 1.426 अरब डॉलर घटकर 418.940 अरब डॉलर रह गया, जो 27,962.8 अरब रुपए के बराबर है। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी आना है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 3.216 अरब डॉलर घटकर 420.366 अरब डॉलर रह गया, जो 28,025.5 अरब रुपए के बराबर है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से कुल मिलाकर 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि सभी कंपनियों और ई-कॉमर्स कंपनियों को विदेशी राजनयिक मिशन या संयुक्त राष्ट्र संगठनों को आपूर्ति करने वाली वस्तुओं और सेवाओं के मामले में जीएसटी लाभ के लिए ‘टैक्स इनवॉयस’ पर अपनी विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) का उल्लेख करना जरूरी है।
अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छूने के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में 2.499 अरब डॉलर घटकर 423.582 अरब डॉलर रह गया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर अब तक के सर्वकालिक स्तर 426.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
अमेरिका ने चीन के साथ-साथ भारत को भी उन देशों की सूची में शामिल कर दिया है जिनकी विनिमय दर नीति पर उसे शक है। यह जानकारी शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गयी है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 50.36 करोड़ डॉलर बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 424.864 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह लगातार दूसरा ऐसा हफ्ता है जब विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि दर्ज की गई है।
30 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 1.828 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ अब तक के उच्च स्तर 424.361 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
देश का विदेशी पूंजी भंडार (फॉरेक्स) 23 मार्च को समाप्त सप्ताह में 1.19 अरब डॉलर बढ़कर 422.53 अरब डॉलर हो गया, जो 27,514.5 अरब रुपए के बराबर है।
दो निरंतर सप्ताह तक तेजी के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 मार्च को समाप्त सप्ताह में 15.24 करोड़ डॉलर घटकर 421.33 अरब डॉलर रह गया जिसका मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी आना है।
राजनीतिक दलों को 1976 के बाद मिले विदेशी चंदे की अब जांच नहीं हो सकेगी। इस संबंध में कानून में संशोधन को लोकसभा ने बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया।
देश का विदेशी पूंजी भंडार 2 मार्च को समाप्त सप्ताह में 16.78 करोड़ डॉलर बढ़कर 420.75 अरब डॉलर हो गया, जो 27,435.7 अरब रुपए के बराबर है।
देश का विदेशी पूंजी भंडार 16 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 1.96 अरब डॉलर बढ़कर 421.72 अरब डॉलर हो गया, जो 26,944.0 अरब रुपए के बराबर है।
डॉलर के मुकाबले रुपये का यह स्तर करीब 3 महीने में सबसे निचला स्तर है। रुपए में आई इस गिरावट की वजह से देश को फायदा होने के साथ नुकसान भी है
देश का विदेशी पूंजी भंडार 16 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 2.15 अरब डॉलर घटकर 419.76 अरब डॉलर हो गया, जो 27,000.5 अरब रुपए के बराबर है।
स्वर्ण भंडार और मुख्य मुद्रा आस्तियों में अच्छी वृद्धि होने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में 4.12 अरब डॉलर बढ़कर 421.91 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
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